Lucknow : प्रदेश के सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के खाली पद भरने के लिए प्रक्रिया आठ साल पहले शुरू हुई थी। लेकिन विवादों के कारण भर्ती रुकी रही। सोमवार से प्रधानाचार्य भर्ती 2013 के लिए साक्षात्कार शुरू हुआ। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों की अध्यक्षता में पांच बोर्ड बनाए गए हैं। पहले दिन इन पांचों बोर्ड में तकरीबन 700 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ।
इन अभ्यर्थियों में हमीरपुर में तैनात एक पीसीएस अफसर भी थे। अफसर साक्षत्कार के लिए बैठे तो उनका बैकग्राउंड देख बोर्ड ने सवाल पूछा कि आप पीसीएस अफसर हैं। जिला स्तरीय अफसर का पद छोड़कर प्रधानाचार्य क्यों बनना चाहते हैं? उन्होंने जवाब दिया कि पढ़ने-पढ़ाने का शौक है इसलिए इस क्षेत्र में आना चाहते हैं।
वहीं, कार्यवाहक प्रधानाचार्य का दायित्व निभा रहे एक अभ्यर्थी से बोर्ड ने पूछा कि कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनने के बाद आपने स्कूल की बेहतरी में क्या काम किए। उन्होंने विद्यालय में इनोवेशन से जुड़े अपने कुछ काम गिनाए। अभ्यर्थियों ने बताया कि एक अभ्यर्थी का साक्षात्कार औसतन पांच मिनट चल रहा है। बोर्ड की ओर से अधिकांश सवाल अभ्यर्थी के विषय से जुड़े पूछे जा रहे हैं।
कुछ अभ्यर्थी इसी माह हो जाएगे सेवानिवृत
भर्ती में हुई आठ साल की देरी के कारण कई अभ्यर्थियों के सेवानिवृत होने का समय भी नजदीक है। चर्चा है कि कुछ ऐसे अभ्यर्थी हैं, जो इसी माह सेवानिवृत हो जाएंगे। लेकिन इंटरव्यू इस उम्मीद में दे रहे हैं कि अगर पहले परिणाम आ गया और चयन हो जाता है तो उन्हें कुछ वित्तीय लाभ मिल जाएगा।
बोर्ड दफ्तर का माहौल देखकर ऐसा लगा कि अधिकांश अभ्यर्थी एक दूसरे को पहले से बखूबी जानते हैं। यही लोग इंटरव्यू देकर निकलने के बाद आपस में चर्चा कर रहे थे कि कुछ अभ्यर्थी मार्च अंत में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
632 पदों पर 3824 दावेदार
632 पदों के लिए 3824 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया गया है। प्रत्येक स्कूल के लिए मेरिट क्रम में पांच आवेदक और संबंधित स्कूल के दो शिक्षकों के हिसाब से 4424 अभ्यर्थियों को शामिल होना चाहिए। लेकिन 632 पदों के सापेक्ष स्कूलों से 1264 वरिष्ठतम शिक्षकों की सूची नहीं मिल सकी। चयन बोर्ड को जिलों से 664 वरिष्ठतम शिक्षकों की सूचना ही मिली है। इसीलिए अभ्यर्थियों की संख्या 600 कम हो गई है।