पीएम मोदी द्वारा परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल प्रा.वि. शेखपुरा राजकुमारी के टीचर स्टाफ छात्रों और अभिभावकगण
👉पीएम मोदी ने बच्चों के भविष्य के पलों पर की विशेष चर्चा
👉छात्रों के जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान भी बताया
👉घर के अभिभावकों माता-पिता दोस्तों को भी दिया सलाह
👉कभी भी छात्रों को हतोत्साहित ना करें बल्कि उनका उत्साहवर्धन करें
जलालपुर अंबेडकर नगर- भारत के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने छात्रों के उज्जवल भविष्य एवं उनके जीवन में आने वाली समस्याओं संघर्षों एवं “परीक्षा पर चर्चा” करते हुए उसका समाधान करने के लिए पहली बार वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया गया। बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छात्रों के “परीक्षा पर चर्चा” करने के लिए लाइव प्रसारण कार्यक्रम का आयोजन एक अप्रैल को किया गया।इस कार्यक्रम में पूरे भारत से अध्यापक, छात्र/ छात्रा उनके अभिभावकों ने प्रतिभाग किया।
इसी क्रम में शिक्षा क्षेत्र जलालपुर अंतर्गत स्थित प्राथमिक विद्यालय शेखपुरा राजकुमारी में प्रधानमंत्री द्वारा “परीक्षा पर चर्चा” के वर्चुअल लाइव प्रसारण में प्राथमिक विद्यालय के समस्त अध्यापक स्टॉप विद्यालय के छात्र छात्राओं,छात्रों के अभिभावकों ने सामूहिक रूप से प्रतिभाग किया और प्रधानमंत्री के बातों को बहुत ही ध्यान पूर्वक सुना गया। लाइव प्रसारण को देखने के दौरान बहुत से सवाल अध्यापकों, छात्रों एवं अभिभावकों के मन में हिलोरें जगा रही थी लेकिन उसका भी समाधान मिलता गया जब बीच-बीच में छात्रों द्वारा उनकी समस्याओं को सुना जाता और उस समस्या का समाधान किया जाता तो एक साथ सभी के सवालों का जवाब मिल जाता।
प्रधानमंत्री ने बताया कि परीक्षा कोई बड़ी आफत नहीं है या फिर यही जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं है यह तो जीवन में आने वाला एक विशेष पल है जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और एहसास दिलाता है कि हम कहां हैं किंतु समस्या तब आ जाती है जब माता-पिता दोस्तों द्वारा छात्रों पर परीक्षा का मानसिक दबाव बनाया जाता है और यह मान लिया जाता है कि एक छात्र का आकलन उसके परीक्षाफल से किया जाए किंतु ऐसा करना कदाचित उचित नहीं है क्योंकि यह तो एक माध्यम है जो बच्चे की गुणवत्ता को निखारने का काम करता है और आगे बढ़ने का रास्ता बताता है.
जिससे बच्चे का मनोबल और बढ़ता है और पूरे जोश के साथ तैयारी करता है ऐसे में माता-पिता को अभिभावकों को दोस्तों को सगे संबंधियों को छात्र के साथ पूरी तरह से घुल मिलकर और उसके मनोबल को बढ़ाना चाहिए जिससे वह छात्र हतोत्साहित ना हो बल्कि अपनी पूरी ऊर्जा के साथ जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो। इसलिए कभी भी परीक्षा का दबाव बच्चों पर नहीं देना चाहिए बच्चों के साथ नॉर्मल व्यवहार रोजाना की तरह ही करें ताकि बच्चों पर मानसिक दबाव ना बन सके.
ऐसी बहुत सी बातें व्यवहारिक रूप से, सामाजिक रुप से और जीवन में होने वाले उतार-चढ़ाव को लेकर चर्चाएं की गई और बल दिया गया कि छात्र में अतिरिक्त ऊर्जा क्या है उस पर भी बल दिया जाए जिससे छात्र अपने बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए अपने संपूर्ण ऊर्जा का प्रयोग करते हुए एक नया अविष्कार सके और देश में अपनी हिस्सेदारी भागीदारी करते हुए अपने माता-पिता गांव समाज और देश का नाम रोशन करें इसलिए छात्रों के साथ माता-पिता को पूरी तरह से भागीदारी करना चाहिए।
एक दौर था जब माता-पिता बच्चों के लिए अपना बहुमूल्य समय निकालते थे और उत्तरदाई बनते थे एक आज का दौर हो गया है कि बच्चों से दूरियां बन गई हैं और उनका आकलन मात्र परीक्षा परिणाम से किया जा रहा है। जो कि नहीं होना चाहिए इसलिए बच्चों का सहयोग करना चाहिए। अध्यापकों को सलाह देते हुए कहा कि अध्यापकों से कभी-कभी विषयों से हटकर व्यक्तिगत जीवन में होने वाली प्रक्रिया और बच्चे में प्रतिभा क्या है उसको समझने की जरूरत है.
कुछ बातें सामूहिक रूप से बच्चों के सामने परोस ना चाहिए और कभी-कभी बच्चों के सर पर हाथ रखकर उनके मनोबल को बढ़ाते हुए कहना चाहिए कि तुम तो बहुत अच्छे बच्चे हो तुम अगर ऐसा करोगे तो एक दिन लक्ष्य को प्राप्त करोगे और ऊंचाइयों पर जाओगे ऐसा करने से छात्रों के अंदर एक नई ऊर्जा का प्रवाह होता है और छात्रों मनोबल बढ़ता है।छात्रों के मनोबल को बढ़ाएं न कि हतोत्साहित करें।
पूरे कार्यक्रम को देखने के बाद लोगों ने जोरदार तालियों से प्रधानमंत्री का स्वागत किया और धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि देश में ऐसे ही प्रधान की जरूरत है जो प्रत्येक दिशा में ध्यान रखते हुए अपना समय दें जिससे देश उन्नति की तरफ अग्रसित हो सके। इस दौरान विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्या अफसाना बानो, सहायक अध्यापक सर्वेश गुप्ता, सोनी गुप्ता, शिक्षामित्र विमला देवी, बीटीसी प्रशिक्षु चंद्रेशा प्रजापति, पूजा,आंगनबाड़ी मीना सिंह, आंगनबाड़ी सहायिका ,रसोईया एवं छात्र/छात्रा देवांश,अनुभव, परमवीर, गोविंदा, शिवम, प्रिंस, साक्षी, सोनाक्षी, आंचल, सृष्टि एवं अभिभावकगण इश्तियाक अहमद,विनोद कुमार, प्रवेश, प्रमिला, संगीता देवी, चंदा, सुमन आदि लोग मौजूद रहे।