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क्या नए सत्र में मानक विहीन और गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं से छात्रों को मिलेगा निजात ?

हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज!

  • क्या RTE कानून का प्राइवेट शिक्षण संस्थान करते हैं शत-प्रतिशत पालन ?

महराजगंज, 1 अप्रैल से नया शिक्षण सत्र का शुभारंभ होना है, और सभी शिक्षण संस्थान प्रवेश प्रारंभ का बोर्ड लगा कर अपना प्रचार प्रसार करने में लगे हैं! वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षाएं संचालित हो रही हैं! शेष कक्षाओं की परीक्षाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं, जहां नए सत्र में प्रवेश दिलाने को लेकर अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति है, वही गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों के बारे में जानकारी प्राप्त करना अभिभावकों के लिए टेढ़ी खीर सावित हो रहा है!

उत्तर प्रदेश में शिक्षण संस्थान को संचालित करने के लिए शासन द्वारा मानक निर्धारित किए गए हैं और इन मानकों को पूरा करवाने के लिए तथा इनकी निगरानी के लिए अलग-अलग विभाग सृजित और क्रियाशील है! जब एक शिक्षण संस्थान ( विद्यालय) मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन करता है तो उसके द्वारा सरकार के मानकों को पूरा किया जाता है!

विश्वस्त सूत्रों की माने तो मान्यता लेते समय भवन, योग्य शिक्षक, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, शौचालय, आदि व्यवस्थाओं की एक सूची सौंपी जाती है! जोकि सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार होती है! लेकिन मौके पर शिक्षण संस्थान इन मानकों को दरकिनार कर मनमाने तरीकों से विद्यालय का संचालन करते हैं! शिक्षण संस्थान द्वारा अपने संबंधित ब्लॉक संसाधन केंद्र पर प्रत्येक वर्ष सभी उपलब्ध सुविधाओं सहित शिक्षकों की सूची उपलब्ध करवानी होती है, जिसमें की योग्य शिक्षकों की सूची ही विद्यालय प्रशासन उपलब्ध करवाती है! लेकिन सत्र प्रारंभ होने पर विद्यालय संचालक मनमानी तरीके से कार्य करते हैं!

शिक्षा जहां हर विद्यार्थी का अधिकार है, वहां पर सही जानकारी न होने के कारण विद्यार्थी और अभिभावक छले जाते हैं! देखना यह होगा कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में प्रशासन इस समस्या से निजात दिलाने का क्या प्रयास करती है! जहां एक तरफ Covid काल के दौरान संस्थान काफी दिनों तक बंद रहे, और विद्यार्थियों को पठन-पाठन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा!वही इस शैक्षणिक सत्र में सही जानकारी न होना विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए एक कड़ी चुनौती होगी! कुछ अभिभावकों की माने तो विद्यालयों की मनमानी फीस और कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस की वजह से एक मध्यम वर्गीय परिवार काफी परेशान है!

लॉकडाउन की वजह से ढेर सारे व्यवसाय बंद पड़ गए और लोगों की आय पर भी इसका प्रभाव पड़ा है, ऐसे में अपने बच्चों के लिए सही शिक्षा की व्यवस्था करना एक अभिभावक के लिए काफी मुसीबत भरा हो रहा है! अगर RTE कानून की बात करें तो ढेर सारे अभिभावकों को इस बाबत जानकारी ना होना भी एक परेशानी का सबब है! हम उम्मीद करते हैं कि प्रशासन और शिक्षण संस्थान मानकों को ध्यान में रखते हुए अच्छी और गुणवत्ता पुर्ण शिक्षा की व्यवस्था करेगा!

गिरधर सिंह/अभिनित तिवारी की रिपोर्ट!

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