कौन हैं आरपीएन सिंह? कभी सोनिया-राहुल के करीबी रहे, अब बीजेपी के सिपहसालार
हिन्दमोर्चा न्यूज महराजगंज।
कांग्रेस की कोर कमेटी में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए। बताया जा रहा है कि आरपीएन सिंह को बीजेपी राज्यसभा में भेज सकती है। उनकी पत्नी सोनिया सिंह को पडरौना से चुनाव लड़ाए जाने की चर्चा है। आरपीएन सिंह कांग्रेस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे। वह कभी राहुल की टीम का अहम हिस्सा थे। पिछले झारखंड चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उन्हें वहां का प्रभारी बनाया था।
आरपीएन सिंह यानी कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह पडरौना राज घराने से आते हैं। वहां उन्हें राजा साहेब और भैया जी जैसे नामों से भी लोग सम्बोधित करते हैं। 25 अप्रैल 1964 को जन्मे आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह भी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे।
उन्हें इंदिरा गांधी का करीबी माना जाता था। बताया जाता है कि इमरजेंसी के बाद सीपीएन सिंह के चलते ही इंदिरा गांधी ने 1980 के अपने लोकसभा चुनाव का प्रचार पडरौना से शुरू किया था। कांग्रेस हाईकमान के साथ पडरौना राज परिवार की निकटता आरपीएन सिंह के जमाने में भी बरकरार रही।
एक बार चुनाव के दौरान पूर्वांचल के दौरे पर आईं सोनिया गांधी का रोड शो पडरौना से गुजरा तो उन्होंने आरपीएन सिंह के आवास पर ही विश्राम किया था। आरपीएन सिंह की स्कूली पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से हुई है।
इसी स्कूल से राजीव गांधी और राहुल गांधी ने भी पढ़ाई की थी। उच्च शिक्षा उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कालेज से पाई। उन्होंने वहां से इतिहास में बीए की डिग्री हासिल की है। आगे की पढ़ाई के लिए आरपीएन सिंह अमेरिका चले गए थे लेकिन उसी दौरान उनके पिता सीपीएन सिंह की हत्या हो गई और उन्हें वापस लौटना पड़ा।
पिता के देहान्त के बाद आरपीएन सिंह ने 1990 में सियासत में कदम रखा। 1993 में उन्होंने पहली बार पडरौना सीट से विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद 1996, 2002 और 2007 में वह इसी सीट से लगातार जीतते रहे। इस बीच उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गए। 2009 में लोकसभा के जरिए दिल्ली पहुंचने में उन्हें कामयाबी मिली। उस चुनाव में उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या को 21 हजार वोटों से हराया था।
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