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उरे लखनऊ मंडल का मैकेनिकल विभाग बना भ्रष्टाचारियों का मुफीद पैसों की खान, एक वर्ष में हो जाते हैं करोङपति, DRM को बदनाम करने का कुचक्र

ओपी सिंह वैस

लखनऊ / सरकार कुछ भी कर ले लेकिन रेलवे लखनऊ मंडल का मैकेनिकल विभाग ओ एंड एफ ऐसा है जो सुधरने के बजाय और भ्रष्टाचार में महारत हासिल कर रखा है तथा इस विभाग का सीडी एम्ई से लेकर लोको निरीक्षक वर्षो में ही करोङों का माल बैंक में जमा कर लेते हैं और गोमती नगर एलडीए जैसे महंगे मकानों का मालिक बन बैठते हैं एंव इसी नक्शे कदम पर चल रहा है एक नवागत मैकेनिकल विभाग का वरिष्ठ अधिकारी जो अभी जल्द में ही तबादला होकर मंडल आफिस में आया है, और लखनऊ मंडल के तेज तर्रार मंडल रेल प्रबंधक को लगा है करने में बदनाम ।

मिली जानकारी के अनुसार एक लोको निरीक्षक ने बताया कि लखनऊ मंडल का यांत्रिक विभाग पूरे लखनऊ मंडल में भ्रष्टाचार में महारत हासिल कर रखा है चाहे जितना भी मीडिया वाले अथवा सांसद मंत्री लिखते रहें लेकिन इनके ऊपर कोई भी प्रभाव नहीं पङने वाला। क्योंकि इसमें लखनऊ मंडल के अधिकारी एवं रेलवे की जांच एजेंसियों की गलबहिंया गुल खिला रही हैं यहां बिना ट्रेन चलाये ही सहायक से चालक ‘ और चालक से लोको निरीक्षक बनने का नियम बना हुआ है बशर्ते यूनियन के नेताओं की कृपा और नोटों की गडिडयों का इंतजाम होना चाहिए।

कुछ उदाहरण प्रस्तुत है अखिलेश चन्द्र , सुरेन्द्र मिश्रा, टी एस मीना, प्रेम चन्द्र प्रकाश, ओम प्रकाश, साधू शरण, अजय कुमार गौङ व एक सी ओ एस लोको शेड में तैनात है और लगभग सभी के साथ एक -एक सहायक लगे हुए हैं और ये सब दिन भर दारूल शफा में घूमते रहते हैं।

सूत्रों के अनुसार इस संबंध में मंडल रेल प्रबंधक ने संज्ञान भी लिया है लेकिन सी डी एम ई के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है इसका सीधा सा प्रश्न है कि जो ठेकेदार से अवैध वसूली करने में संलग्न हैं उनको कोई भी छू नहीं सकता इस समय जितनी भी सरकार पारदर्शिता रखने की कोशिश कर रही है तो उससे अधिक यूनियनों के तथा कथित नेता अधिकारियों से मिलकर दोंनों हाथों से जेबें गरम कर रहे हैं। देखिए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं रेल मंत्री जी क्या -क्या गुल खिलाया जा रहा है लखन्ऊ मंडल में।

( अगले अंक में पढें और काले कारनामें)

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