उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मैकेनिकल विभाग में खुलेआम भ्रष्टाचारियों का बोलबाला, रेलवे बोर्ड के अधिकारी निष्क्रिय
लखनऊ l उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मैके निकल विभाग में खुलेआम भ्रष्टाचारियों का बोलबाला रेलवे बोर्ड के अधिकारी निष्क्रिय मिली जानकारी के अनुसार रेल मंत्री एवं रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के सारे नियम कानून को ताक पर रखकर यह भ्रष्टाचारी दोनों हाथों से लूटने में व्यस्त है। इस संबंध में जो जानकारी प्रकाश में आई है वह काफी रोचक पूर्ण बताई जाती है इस संबंध में एक लोको इंस्पेक्टर जिसने अपना नाम न छापने का आग्रह किया हैl
दूरभाष पर बताया कि आलमबाग डीजल शेड में एक कार्यालय अधीक्षक जिसका नाम सुधीर सक्सेना बताया जाता है विगत लगभग ढाई दशक से एक ही सीट पर ऐशो आराम कर रहा है लेकिन किसी भी अधिकारी की हिम्मत नहीं है जो इनके खिलाफ कार्रवाई कर दे क्योंकि यह अपने को माफिया बताता है जानकार लोगों ने बताया कि भ्रष्टाचार करके तीन इंक्रीमेंट ले चुका है लेकिन आज तक कोई भी कार्यवाही इसके खिलाफ नहीं हो सकी हैl
रेलवे के एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि जब इसकी जांच होती है तो वह दबाव बनाकर मामले को रफा-दफा करवा लेता है और एक दूसरा लोको इंस्पेक्टर और है जिसका नाम सुरेंद्र मिश्रा बताया जाता है और यह 15 -15 दिन तक आफिस नहीं आता है घर बैठे ही हाजिरी लगा कर माईलेज ले रहा है और महीने में आकर इकटठा हाजिरी लगा लेता है क्योंकि यह एन आर एम यू का पदाधिकारी भी है और एक चर्चित यूनियन के केंद्रीय पदाधिकारी का खास चहेता बताया जाता है यह खुलेआम कहता है मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता जो मेरा तबादला करवा दे।
प्राप्त विवरण के अनुसार मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय उत्तर रेलवे हजरतगंज में तैनात एक सीनियर अधिकारी उसकी देखरेख में इन भ्रष्टाचारियों का काकस छाया हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार मैकेनिकल विभाग ऐसा विभाग है जहां करोड़ों का टेंडर होता है और पैसों का खान बताया जाता है इसके लिए अधिकारी व कर्मचारी मुंह मांगी रकम देकर अपनी नियुक्ति करवाते हैं मिली जानकारी के अनुसार सीनियर डीएमई राजीव गुप्ता विगत कई वर्षों से यहां तैनात है इसका तबादला भी हो चुका था पिछले वर्ष लेकिन अपना तबादला रेलवे बोर्ड से रोंकवा लियाl
इस अधिकारी का भ्रष्टाचार मंडल में इस तरह से छाया हुआ है इसके खिलाफ कई बार मीडिया में खबर भी छपी लेकिन इस पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि यह एक चर्चित यूनियन नेता का इस पर वरदहस्त प्राप्त है बताया जाता है कि करोड़ों रुपए का टेंडर हर वर्ष होता है और इस सीट पर वही सीएलआई लगता है जो साहब को खुश कर सके । इसके अलावा जो भी सामान की खरीद-फरोख्त बाजार से होती है सभी मानक को ताक पर रखकर होती है और लगभग आधा दर्जन मुख्य लोको इंस्पेक्टर ऑफिस में बैठकर माइलेज ले रहे हैं यानी कि दीपक तले अंधेराl