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सॉरी पापा, जो पढ़ता हूं भूल जाता हूं…लिखकर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में 9वीं के छात्र ने दी जान

बुरहानपुर जिले के नेपानगर में 9वीं के छात्र ने आदिवासी छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र ने सुसाइड नोट में अपने पिता को एक मार्मिक पत्र लिखा है जिसमें उसने लव यू पापा संबोधन के साथ स्वीकार किया है कि वह जो भी पढ़ता है, भूल जाता है। इसलिए वह उनके सपने को पूरा नहीं कर पा रहा है। इसलिए मर्जी से आत्महत्या कर रहा है।

घटना की सूचना शनिवार सुबह नेपानगर पुलिस को मिली जिसमें नेपानगर के वार्ड क्रमांक 14 में स्थित आदिवासी छात्रावास में नाबालिग छात्र के फांसी लगाया जाना बताया गया। छात्र ने शुक्रवा-शनिवार की रात को फांसी लगाई थी। छात्र धूलकोट के उतंम्बी का रहने वाले परिवार का बेटा था और पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों को सूचना दी। पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी में शव को नीचे उतारा और कमरे की तलाशी में एक सुसाइड नोट जप्त किया।

भूलने की बीमारी से सपना पूरा नहीं कर पाने का मलाल

नाबालिग छात्र ने सुसाइड नोट में लिखा है कि लिखा है कि उसे भूलने की बीमारी थी जिससे वह जो भी पढ़ता था तो भूल जाता था। इस वजह से वह अपने माता-पिता के सपनों को साकार नहीं कर सकता इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है। उसने सुसाइड नोट लिखने के बाद रात को ही फांसी लगा ली जिसे सुबह अन्य छात्रों ने देखा। छात्र नेपानगर के स्कूल में 9वीं कक्षा मं पढ़ता था। वहीं, मृत छात्र के परिजनों ने आरोप लगाया कि जिस वक्त उनके बेटे ने फांसी लगाई उस वक्त छात्रावास में छात्रावास अधीक्षक या कोई अन्य शिक्षक मौजूद नहीं था। अगर वे मौके पर मौजूद होते तो छात्र को बचाया जा सकता था।

लव यू पापा….आप जैसा पापा मुझे मिला

नाबालिग छात्र ने आत्महत्या के पहले लिखे सुसाइड नोट में अपने पिता के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करते हुए लिखा है कि लव यू पापा। आप जैसा पापा मुझे मिला यह मेरी किस्मत थी। आपका बेटा हमेशा आपका सपना पूरा करने वाला होना चाहिए। मैं कुछ नहीं कर सकता तो किस काम की जिंदगी। पापा मुझे माफ करना, आपका सपना मैं पूरा नहीं सकता हूं। इसी वजह से मैं मर रहा हूं।

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