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शादी के बाद दुल्हनें छोड़ जाती हैं ससुराल, लड़कों की शादी में आ रही परेशानी

मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पाटी क्षेत्र के लाइझापी गांव में जल संकट के चलते कथित तौर पर लड़कों की शादी नहीं होने और बहुओं के गांव छोड़ने की बात सामने आ रही है। जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर मौजूद पिछड़े विकासखंड पाटी के लाइझापी गांव में भारी जल संकट से लोगों को जूझना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जल संकट के चलते कई लड़के कुंवारे हैं और जो बहुएं आती हैं, कुछ दिन बाद चली जाती हैं।

गांव की ग्यानी बाई ने बताया कि सुबह 5 बजे से निकलकर 3 किलोमीटर दूर हैंड पंप से पानी लाना पड़ता है। आसपास के 3 हैंडपंप सूख गए हैं और पहाड़ी रास्तों से सफर बड़ा मुश्किल होता है। एक अन्य बुजुर्ग महिला बोया बाई ने बताया जलस्त्रोत इतनी दूर है कि सिर पर पानी लाने में सिर दर्द देने लगता है। उन्होंने बताया कि कई कुंवारे लड़कों के लिए वधुएं नहीं मिलने का बड़ा कारण जल संकट है। उन्होंने बताया कि कई नव वधुएं कुछ दिन रहने के बाद अपने मायके चली जाती हैं।

गधों पर लादकर लाते हैं पानी

दयाराम ने बताया कि जल संकट के चलते नवयुवकों की शादी में बहुत दिक्कत आ रही है और जिनकी हो जाती है उनकी पत्नियां जल संकट के चलते जल्दी ही अपने मायके चली जाती हैं। हालांकि उन्होंने बताया कि लड़कियों की शादी में कोई दिक्कत नहीं है। एक संगठन से जुड़े वाल सिंह ने बताया कि लाईझापी के अलावा धजारा, घोंघसा, खेरवानी, दूर खेड़ा, आमली आदि में भी जल संकट है। लोग सुबह से कहीं गधे तो कहीं दुपहिया वाहन से भी तीन-चार किलोमीटर दूर जाकर पानी ला रहे हैं। कुछ जगह ऐसी दिक्कत है कि बर्तन को राख से मांजना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नल जल योजना कुछ जगह आ चुकी है, लेकिन क्षेत्र के दो सांसदों और एक कैबिनेट मंत्री को इस ओर ध्यान देकर समस्या का हल करना चाहिए।

यह बोले स्थानीय विधायक

मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री तथा बड़वानी के विधायक प्रेम सिंह पटेल ने उनके क्षेत्र की समस्या बताए जाने पर कहा कि उनके निजी सहायक ने जल संकट की स्थिति बताई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्र और राज्य की योजनाओं के तहत हर घर नल व जल के लिए कृत संकल्पित हैं और हम लोग चिंता कर सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भवती से नर्मदा जल अंजराणा और ओसाडा तक लाया गया है और आगामी कुछ दिनों में 18 और ग्रामों तक आ जाएगा। कुंवारों की शादी नहीं होने और नववधुओं के मायके चले जाने की बात पर पटेल ने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग शीघ्र ही जल संकट से जूझ रहे ग्रामों में अन्य व्यवस्थाओं से पानी पहुंचाएंगे। पीएचई के सूत्रों के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्रों में मशीनें नहीं जाने के चलते नलकूप खनन में दिक्कत आती है।

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