योगी सरकार-2 में नगर पालिका अकबरपुर में विकास के नाम पर नंबर-2 का काम अधिकारी ठेकेदार हो रहे मालामाल
👉पीले ईंटों,देशी बालू के सहारे सरकार की छवि को लगा रहे पलीता
👉सर पर आ रहा चुनाव तो घटिया कार्यों से विकास कार्य का पीटना चाहते हैं ढिंढोरा
👉भ्रष्टाचारी अधिकारियों के बढ़ते मनोबल से ठेकेदार की चांदी ही चांदी
अंबेडकरनगर. जनपद का नगर पालिका अकबरपुर हो गया है शापित। क्षेत्रवासियों का कहना है कि न जाने वह कौन सा दिन होगा जब इस नगर पालिका का उद्धार होगा और क्षेत्रवासी भी इस श्राप से मुक्ति पाएंगें। ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है कि नगर पालिका अकबरपुर में तैनात अधिकारियों की करतूतें अक्सर सामने आया करती हैं। क्योंकि भ्रष्टाचार की दलदल ने इन्हें जकड़ रखा है और इन्हीं भ्रष्टाचारी अधिकारियों के संरक्षण में ठेकेदार भी मालामाल हो रहे।
आगामी नगर निकाय चुनाव की सरगर्मी का असर नगर पालिका अकबरपुर में देखने को मिल रहा है क्योंकि विकास कार्य जोरों पर हो रहा है मानों कि 5 वर्षों का कार्य अब हो रहा है। नगर पालिका क्षेत्र के कुछ वार्ड में काम जारी है कहीं शौचालय का शुद्धिकरण का तो कहीं इंटरलॉकिंग तो कहीं नालियों का कार्य चल रहा है लेकिन विकास की बहती गंगा के नाम पर जो भ्रष्टाचार हो रहा है वह किसी से छुपा नहीं और उजागर हो रहा है। पीले ईंटों और देसी बालू का इस्तेमाल पुरजोर तरीके से किया जा रहा है जिसे लेकर जनता में रोष व्याप्त है।
ऐसा ही एक मामला वार्ड नंबर- 25 अमरौला का सामने आया है। नगर पालिका द्वारा नाली का निर्माण कराया जा रहा है किंतु निर्माण में भ्रष्टाचारी अधिकारीयों और ठेकेदार के स्वयं के मानक का प्रयोग किया जा रहा है अर्थात पीले,डोमा ईंटों और देशी बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है। मानक विहीन कार्य करना इस नगरपालिका के लिए कोई आज या नहीं बात नहीं है यह तो इनके चाल-चलन,कार्यशैली और स्वयं के मानक के अनुरूप हैं। इस घटिया कार्य को लेकर जनता में काफी आक्रोश व्याप्त है कहीं ना कहीं सरकार को कोसते हुए नजर आ रहे हैं।
यदि बात उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पार्ट-2 की किया जाए तो दोहरी सत्ताधारी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ना जाने कितने जिलों, स्थलों का नाम बदल डाला जो परिवर्तन का मिसाल है किंतु योगी सरकार पार्ट-1 से वर्तमान की योगी सरकार पार्ट-2 में नगर पालिका अकबरपुर के इस घटिया कृतियों में कोई बदलाव नहीं आया।
ऐसा लगता है की सरकार दोहरी नहीं तेहरी भी बन जाए तो भ्रष्टाचार का दलदल इस नगरपालिका से साफ नहीं हो सकता। और जब तक ऐसा होता रहेगा तब तक सरकार की छवि धूमिल होती रहेगी, जिसका असर आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा। जबकि बीते विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा बीजेपी इस जनपद में भुगत चुकी है। जनता यह नहीं समझ पा रही है कि आखिरकार नगर पालिका अकबरपुर को किसके श्राप से शापित हो गई है जो विकास के नाम पर खाई में जा रही है।
नगरपालिका के 25 वार्डों में जो विकास कार्यों में घटिया सामग्री प्रयोग करके और उन्हीं अधिकारियों से ठेकेदार पेमेंट भी पास करवा लेते हैं फिर चंद्र महीनों के बाद यही नालियां धराशाई हो जाती हैं तो बदनामी सत्ता (सरकार)की होती है। आखिरकार भ्रष्टाचार मुक्त करने का उद्देश्य उत्तम उत्तर प्रदेश का सपना संजोए वर्तमान की योगी सरकार पार्ट-2 कब तक इन भ्रष्टाचारी अधिकारियों और ठेकेदारों के कारण बदनाम होती रहेगी।