बीआरसी जलालपुर में तृतीय ईसीसीई व फेज-टू-रेडिनेस प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
👉बीईओ केपी सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया
👉आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं शिक्षकों/शिक्षिकाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया
👉प्रशिक्षण के दौरान गतिविधियों का खूब चला दौर
अंबेडकर नगर। शासन के मनसानुरूप नई शिक्षा नीति-2020 के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री-प्राइमरी कक्षाओं के गुणवत्तापूर्ण अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ईसीसीई) संचालन हेतु विकासखंड स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन का दौर जारी है।
इसी क्रम में जनपद के ब्लॉक संसाधन केंद्र जलालपुर में तृतीय ईसीसीई व द्वितीय फेज रेडिनस कार्यक्रम का आयोजन बहुत ही शानदार ढंग से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बीईओ ने प्रमुख रूप से बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रशिक्षण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, शिक्षकों/ शिक्षिकाओं द्वारा गतिविधियों का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया तो वहीं संचालक द्वारा शानदार गीत के माध्यम से कार्यशाला में उपस्थित लोगों में ऊर्जा भरने का काम किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीआरसी जलालपुर के प्रांगण में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा ईसीसीई के तृतीय कार्यशाला व रीडीनेस के फेज-टू कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी कमल प्रकाश सिंह ने मां ज्ञान दायिनी सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया।
कार्यक्रम का संचालन बेहतरीन एवं कुशल संचालक उमेश यादव द्वारा किया गया।कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के क्रियान्वयन शिक्षकों/ शिक्षिकाओं द्वारा विद्यालय के प्रांगण में एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में किए जाने वाली गतिविधियों एवं टीएलएम निर्माण अन्य कई तरीकों से बच्चों के सर्वांगीण विकास की बातों पर प्रकाश डाला गया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी ने नई शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों को बताते हुए और नई शिक्षा नीति के तहत किस तरह से विद्यालयों में छात्रों का सर्वांगीण विकास किया जाए और आंगनबाड़ी केंद्र तथा प्राथमिक विद्यालय के बीच आपसी संबंध को मजबूत करने के लिए बहुत सी जानकारियां प्रदान किया और बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें किस प्रकार से शिक्षा प्रदान करना है।
एक बच्चा जब विद्यालय के आंगन में आता है तो उसके स्वभाव से परिचित होते हुए उसे किस प्रकार की शिक्षा दी जानी चाहिए पर चर्चा किया। मूल्यांकन पर बल देते हुए कहा कि सतत मूल्यांकन अति आवश्यक है। प्री-प्राइमरी शिक्षा के संवर्धन हेतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रिओं में स्कूलों के अध्यापकों को नई शिक्षा नीति के तहत ईसीसीई कार्यक्रम की अवधि और इसके तहत किए जाने वाले अभ्यासों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
इसी क्रम में जिला समन्वय प्रवेक्षक डॉ. सुरेश कुमार तिवारी, बाल विकास अधिकारी राजेश यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास के विषय पर प्रकाश डाला। बताते चलें कि एआरपी उमेश यादव ने एक संचालक की भूमिका क्या होती है उसको बखूबी निभाते हुए कार्यक्रम के बीच-बीच में गतिविधियों के माध्यम से एवं शिक्षा गीतों के माध्यम से कार्यक्रम में चार चांद लगाने का काम कर रहे थे।
कार्यक्रम को एआरपी मित्रसेन वर्मा,मोहम्मद कासिम,दिनेश वर्मा, रामजीत,सुमन सिंह,रवि प्रकाश,नोडल संकुल शिक्षक आदि लोगों ने संबोधित किया। आगनबाडी कार्यकत्रियों, शिक्षकों/शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों को खेल-खेल में किस तरह से शिक्षा प्रदान करना है कई प्रकार की गतिविधियों का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया जो काफी शानदार और सराहनीय रहा।
इस कार्यशाला का समापन एआर बी उमेश यादव द्वारा प्रेरणादायक गीतों के माध्यम से किया गया। इस दौरान सहायक अध्यापक सर्वेश गुप्ता अमितेश कुमार अनुज कुमार अध्यापिकाएं सुमित्रा, रेखा, सावित्री ,अर्चना, रीना, रमा आंगनबाड़ी कार्यकत्री मीना सिंह सुशीला देवी, प्रभावती,चंद्रकला, शशिकला, अनीता, मोनू
आदि लोग मौजूद रहे।