नैनो यूरिया दाम मे कम, फसल मे दोगुना असरकारी: योगेंद्र कुमार वर्मा
जनपद सीतापुर के गन्ना समिति सभागार बिसवा मे नैनो यूरिया तरल प्रयोग संगोष्ठी सम्पन्न हुई संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य :- बदलते दौर मे खेती करने का तौर तरीका तेजी से बदल रहा है। खेतो मे डाली जाने वाली दानेदार यूरिया का 30 प्रतिशत उपयोग फसल मे होता है। शेष यूरिया नाइट्रोजन गैस या नाइट्रेट के रूप मे हवा मे उडकर या पानी के साथ बह जाती है, इससे मृदा, वायु, जल का प्रदूषण बढा है।
वही नैनो यूरिया का फसल मे 70 फीसदी तक उपयोग हो जाता है और पर्यावरण भी शुद्ध रहता है। नाइट्रोजन उपयोग क्षमता बढ़ने से फसल की उपज, गुणवत्ता मे सुधार व किसानो की आमदनी मे वृद्धि होती है। 45 किलोग्राम की बोरी 266.5 रुपये मे है, जबकि नैनो यूरिया 240 रुपये मे ही उपलब्ध है।
इफको के तत्वावधान मे आयोजित फसल संगोष्ठी मे श्री राजीव तोमर (कैन मैनेजर) जी ने किसानो को उर्वरको के संतुलित उपयोग के साथ ही जैव उर्वरको को बढ़ावा देने पर जानकारी दी। किसान नैनो यूरिया का प्रयोग करे ताकि उन्हे पता चल सके कि फसल की पैदावार प्रभावित किये बिना यूरिया व नाइट्रोजन युक्त खाद की बचत कैसे करे।
नैनो यूरिया का फसलो पर किल्ले बनने की अवस्था और फूल आने के 10 दिन पहले छिड़काव करके अधिकतम लाभ लिया जा सकता। उसी क्रम मे राज्य वीपडन प्रबंधक इफको श्री अभिमन्यु राय जी ने किसानो को नैनो यूरिया और जैव उर्वरको के प्रयोग के लिए प्रेरित किया।
किसान गोष्ठी मे श्री आर के नायक (मुख्य प्रबंधक इफको लखनऊ), श्री भरत त्रिपाट्ठी जी(पूर्व एम एल सी,निदेशक कॉर्डेट इफको,श्री चंद्र कुमार मिश्रा (अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सहकारी जूट संघ), श्री एस के वर्मा,डा शिशिर कृषि वैज्ञानिक कटिया सीतापुर ,डा विनय मोहन (मुख्य प्रबंधक), श्री शिव चंद्र शुक्ला जी ( इफको सीतापुर), श्री महेंद्र दीक्षित जी(आई एफ एफ डी लखनऊ) श्री आशीष सेम्वाल ( इफको एम सी लखनऊ)उपस्थित रहे। एवं किसानो को संबोधित किया।
((क्या है नैनो यूरिया))
नैनो यूरिया ठोस यूरिया का ही तरल रूप है। इसके 500 मिली लीटरकी बोतल मे 40,000 पी पी एम (पार्ट पर मिलियन) नाइट्रोजन होता है। जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करता है। यह तरल यूरिया किसानो के लिए काफी सुविधाजनक और किफायती है ठोस यूरिया के मुकाबले नैनो यूरिया कम कीमत पर मिलती हैं।