…जब भावुक हुए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट DSP अनिरुद्ध सिंह, गरीब परिवार की झोली में भर दी खुशियां
चंदौली (वाराणसी). चंदौली के डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह (DSP Anirudha Singh) एक बार चर्चा में है. सकलडीहा के सीओ अनिरुद्ध सिंह ने शनिवार को गरीब परिवार की बेटी शिखा यादव की शादी कराकर उसके सपने को पूरा किया तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा. मुंहबोली बहन की शादी में शामिल होने के लिए चंदौली के पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल, एएसपी सुखराम भारती, विधायक सुशील सिंह समेत बड़ी हस्तियां शामिल हुईं. इस दौरान खाकी वर्दी के साथ टोपी की जगह पगड़ी बांधे हुए पुलिसकर्मी नजर आए.
इसके पीछे की कहानी आप सुनेंगे तो आप खुद भावुक हो जाएंगे. बता दें कि पिछले दिनों धानापुर के आवाजापुर निवासी शिखा यादव की शादी तय थी. लेकिन दहेज की अधिक डिमांड के चलते उसका रिश्ता टूट गया. जिसके चलते पूरा परिवार डिप्रेशन में आ गया था. घटना की जानकारी के बाद सीओ सकलडीहा अनिरुद्ध सिंह उसके घर पहुंचे थे. और घटनाक्रम पर अफसोस जताते हुए शिखा यादव की शादी की जिम्मा उठाने का वादा किया था.
धूमधाम से आई मुंहबोली बहन की बारात
पुलिस उपाधीक्षक अनिरुद्ध सिंह ने सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश सिंह ने शिखा यादव की पीड़ा को साझा किया. भावुक हुए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनिरुद्ध सिंह ने शिखा को अपनी मुंहबोली बहन बना लिया. फिर उन्होंने गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए काम करने वाले दुर्गेश सिंह ने सुयोग्य लड़के की तलाश भी पूरी कर ली. साथ ही बिना दहेज के शादी के लिए तैयार हो गए. बैंड बाजे के साथ पहुंची बारात का पुलिस परिवार ने स्वागत किया और बाद में जयमाल के लिए अपने बहन को आशीष चुनरी के तले स्टेज तक पहुंचाया और विवाह को सम्पन्न कराया. इस दौरान खाने पीने से लेकर शादी का पूरा अरेंजमेंट पुलिस की तरफ से किया. इस अनोखी शादी में वर- वधु को आशीर्वाद देने गणमान्य अतिथियों के साथ पुलिस कप्तान अंकुर अग्रवाल भी पहुंचे.
बिना दहेज शादी करने की अपील- डिप्टी एसपी
पूरे शादी समारोह की जिम्मेदारी उठा रहे डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि शिखा के परिवार वाले आर्थिक रूप से काफी अशक्त है. जिसके चलते उसकी शादी भी टूट गई. जिसने उन्हें अंदर तक झकझोर के रख दिया और उसे अपनी बहन मानकर उसकी शादी का जिम्मा उठा लिया. जिसके बाद पुलिस विभाग के अन्य साथियों का भी साथ मिला. जिसके बाद शनिवार को पूरे धूमधाम से शिखा की शादी करवाई गई. जिसमें पुलिसकर्मी पूरी तरह से लड़की के भाई की भूमिका में रहे. उन्होंने इस शादी को नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी बताते हुए युवाओं से बिना दहेज की शादी करने की अपील की.