गोरखपुर से ही क्यों चुनाव लड़ रहे हैं CM योगी, समझें क्या है BJP का ‘मिशन ईस्ट प्लान’
Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर से टिकट का ऐलान कर भाजपा ने चर्चाओं पर विराम लगा दिया। गोरखपुर में छठवें चरण में 3 मार्च को मतदान है, लेकिन पार्टी ने पहली सूची में उनका नाम शामिल कर तस्वीर साफ कर दी है। यह विधानसभा क्षेत्र, गोरखपुर सदर संसदीय का हिस्सा है, जहां से योगी लगातार पांच बार सांसदी जीत चुके हैं।
फिलहाल इस सीट से डॉ.आरएमडी अग्रवाल चौथीं बार विधायक हैं, जो 2002 में पहली बार योगी के ही समर्थन से हिंदू महासभा के टिकट पर भाजपा के चार बार के विधायक पूर्व मंत्री शिवप्रताप शुक्ल को हराकर विधानसभा में पहुंचे थे। इसके बाद डॉ. अग्रवाल भाजपा के टिकट पर जीतते रहे। योगी के टिकट के ऐलान के बाद डॉ.आरएमडी अग्रवाल ने कहा है कि हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं। पार्टी के निर्णय का स्वागत करते हैं।
योगी के कभी अयोध्या तो कभी मथुरा से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। दो दिन पहले जब योगी के अयोध्या से लड़ने की सम्भावना खबरों की शक्ल लेने लगी थी तो गोरखपुर में भी सियासी सरगर्मी तेज हो गई थी। भाजपा और हिन्दूवादी संगठनों से जुड़े लोग सवाल उठा रहे थे कि आखिर मुख्यमंत्री गोरखपुर से क्यों नहीं लड़ रहे? महापौर सीताराम जायसवाल ने तो भाजपा नेतृत्व से सीएम को गोरखपुर की नौ में से किसी सीट से चुनाव लड़ाने की मांग तक कर दी थी।
भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि गोरखपुर में प्रचार-प्रसार का सीएम का अपना तंत्र है। यहां भाजपा के अलावा हिन्दू युवा वाहिनी का मजबूत संगठन है। पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं से मिले ऐसे फीडबैक के बाद शनिवार को भाजपा ने 105 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में सीएम के गोरखपुर शहर की सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस सीट पर पिछले 33 वर्षों से भगवा का कब्जा है।
मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी के महासचिव राजेश सिंह ने कहा कि गोरखपुर शहरी से योगी आदित्यनाथ को मैदान में उतारकर भाजपा बगल की सीटों पर भी अपनी स्थिति मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर क्षेत्र में कई विकास परियोजनाएं शुरू की हैं और इन योजनाओं का लाभ भाजपा को विधानसभा चुनाव में मिलेगा।
पूर्वांचल में प्रदर्शन दोहराने की रणनीति
योगी के गोरखपुर से विधानसभा चुनाव लड़ाने के पीछे भाजपा की रणनीति गोरखपुर-बस्ती मंडल में 2017 का प्रदर्शन दोहराने की है। इन दोनों मंडलों में 41 सीटें हैं जिनमें से 35 पर 2017 में भाजपा ने जीत हासिल की थी। दो सीटें भाजपा के सहयोगी दलों को मिली थीं। भाजपा सांसद रवि किशन शुक्ल कहते हैं कि इस पूरे अंचल में योगी का प्रभाव भाजपा के लिए फायदेमंद होता है। वह गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे तो यह फायदा पहले की तरह बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के पार्टी उम्मीदवारों को मिलेगा। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह भी सांसद की बात से इत्तेफाक रखते हैं। वह कहते हैं कि योगी गोरखपुर से लड़ेंगे तो इसका फायदा पूर्वांचल के साथ पूरे प्रदेश में भाजपा को मिलेगा।