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उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के आरक्षण पर्यवेक्षक ने 17 साल की नौकरी में बनाई ढाई करोड़ की संपत्ति
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मामला अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात कर्मचारी का
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इनके द्वारा अर्जित संपत्तियों पर कहीं चल ना जाए बाबा का बुलडोजर
Report : Pradeep Pathak
लखनऊ।उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात एक आरक्षण पर्यवेक्षक द्वारा अपनी नौकरी कार्यकाल में स्वयं व पत्नी के नाम करोड़ों की चल एवं अचल संपत्ति अर्जित किए जाने का मामला आया है जिसके संबंध में हिंदमोर्चा को एक शिकायती पत्र भी मिला है। ज्ञात हो कि देश के प्रधानमंत्री जहां भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने की मुहिम चला रहे हैं और दोषियों को जेल भेजने के साथ उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चल रहा है।
वही उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारी और कर्मचारी चुनौती देने में जुटे हैं। इसकी नजीर कुछ माह पहले हजरतगंज सेड से करोड़ों की डीजल चोरी घोटाला है जिसमें 6 के विरुद्ध सीआइबी टीम ने प्राथमिकी दर्ज कराकर जेल की राह दिखाई है। इनमें 5 को बर्खास्त भी किया जा चुका है।इन सबके बावजूद भी भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों की सेहत पर कोई असर नहीं है।जिधर देखिए वही अधिकारी से लेकर कर्मचारी भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं और इस काली कमाई से उनके द्वारा नामी -बेनामी संपत्ति अर्जित की जा रही है।
अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात जिस कर्मचारी के विरुद्ध शिकायती पत्र मिला है वह मृतक आश्रित 2005 में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी पाया और 2008 में प्रोन्नति पाकर आरक्षण पर्यवेक्षक बना है। 17 साल की नौकरी में उसके द्वारा अकबरपुर नगर में लगभग 22 बिस्वा जमीन जो उसके एवं पत्नी सविता के नाम क्रय की गई है | शिकायतकर्ता ने इस जमीन की कीमत मौजूदा लगभग ढाई करोड़ बताया है |
बताया है कि इस आरक्षण पर्यवेक्षक जो उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन का डेलीगेट है, के द्वारा ट्रेनों के आरक्षण टिकट में दलालों के जरिए निर्धारित से अधिक लेकर नाजायज कमाई किया है और इसी से नामी- बेनामी संपत्ति अर्जित करने की होड़ में लगा है | बताया है कि यदि मामले को रेलवे की विजिलेंस टीम एवं अन्य सक्षम एजेंसी से जांच कराया गया तो निश्चय ही नौकरी कार्यकाल के वेतन से कई गुना संपत्ति का मामला सामने आएगा।