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आजमगढ़ में उपचुनाव से पहले बड़ी सेंधमारी, सपा के संस्थापक सदस्य रामदर्शन यादव ने थामा भाजपा का दामन

आजमगढ. अखिलेश यादव के गढ़ आज़मगढ़ में लोकसभा उपचुनाव से पहले भाजपा ने बड़ी सेंधमारी कर दी है. यादवलैंड के नाम से मशहूर इस इलाके में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव रामदर्शन यादव ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ शनिवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने मेंहनगर विधानसभा में आयोजित जनसभा में उनको पार्टी की सदस्यता दिलाई.

बताते चलें कि पूर्व विधायक रामदर्शन यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं. वर्ष 1983 में रामदर्शन यादव मुबारकपुर विधानसभा से विधायक चुने गए थे. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इनको टिकट न देकर इनके विरोधी को टिकट दे दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने सपा छोड़ दी और बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे.

बीजेपी को दिला चुके हैं मजबूती

मुस्लिम बाहुल्य मुबारकपुर विधानसभा में रामदर्शन यादव की बदौलत भाजपा को रिकार्ड वोट मिले और कभी चार और पांच नंबर पर रहने वाली भाजपा दूसरे नंबर पर पहुंच गई. हालांकि इस चुनाव में बसपा के प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली से मामूली वोटों से हारे गए. रामदर्शन यादव के कारण ही समाजवादी पार्टी वर्ष 2012 की आंधी में भी आजमगढ़ जिले से क्लीन स्वीप नहीं कर पाई थी.

इसी बीच वर्ष 2014 मे जब लोकसभा चुनाव आया तो तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए आए. इसी समय मुलायम सिंह यादव ने अपने पुराने साथियों की खोज खबर लेनी शुरू की तो रामदर्शन यादव से संपर्क साधकर उन्हें मना लिया.

रामदर्शन यादव का कहना है कि सपा सुप्रीमो ने उन्हें एमएलसी बनाने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद उन्होंने भाजपा का साथ छोड़कर फिर से अपने पुराने घर सपा में वापस आ गए. हालांकि मुलायम सिंह यादव ने रामदशर्न यादव को एमलसी नहीं बनाया.

आजमगढ़ जिले के समाजवादी पार्टी में रामदर्शन यादव सबसे अधिक 18 वर्षों तक जिलाध्यक्ष के पद पर भी रहे. इस बीच वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी में छिड़ी जंग के बीच वे शिवपाल यादव की प्रसपा में शामिल हो गए. वे पहले प्रसपा के जिलाध्यक्ष और बाद में प्रदेश सचिव बने, लेकिन उनका मोह अब इससे भी भंग हो गया और वे पुनः एक बार फिर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए.

रामदर्शन यादव की मुबारकपुर में पकड़ काफी मजबूत है. माना जा रहा है कि उनके भाजपा में शामिल होने के बाद मुबारकपुर विधानसभा में भाजपा की स्थिति मजबूत होने के साथ ही भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को इसका फायदा मिलेगा.

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