Kushinagar

जिलाधिकारी ने किया पिंजरापोल और रामकोला स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण

  • जिलाधिकारी ने किया पिंजरापोल और रामकोला स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण
  • वृहद स्तर पर टीकाकरण एवं जागरूकता से ही लंपी बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है- डीएम
  • सभी किसान और पशुपालक बंधुओ से अपने पशुओं को टीकाकरण कराने हेतु जिलाधिकारी ने की अपील
  • किसान और पशुपालक बंधु लंपी संक्रमित पशुओं से डरें नहीं- डीएम

पडरौना/ कुशीनगर (हिंदमोर्चा संवाददाता )जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा आज जन्माष्टमी के दिन पडरौना स्थित पिंजरापोल गौशाला एवं रामकोला स्थित गो संरक्षण केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी द्वारा पिंजरापोल गौशाला में गोपुजन कर उन्हे गुड़ ,हरा चारा एवं केला खिलाया गया।निरीक्षण दौरान जिलाधिकारी ने गो वंशो की संख्या,भूसे की पर्याप्त उपलब्धता, हरा चारा की व्यवस्था, पेय जल की उपलब्धता तथा साफ सफाई की व्यवस्था,पशुओं के चिकित्सा संबंधित सुविधाओं का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गोआश्रय स्थल पिंजरापोल में कुल पशुओं की संख्या, लंपी बीमारी से बचाव हेतु टीकाकृत हुए पशुओं को संख्या, टीकाकरण के लिए गठित टीम / समिति एवं संक्रमित पशुओं की जानकारी की मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से ली।पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया पडरौना स्थित 7 एकड़ में बने इस पिंजरापोल गौशाला में 590 गोवंश संरक्षित है जिसमें 202 गाय ,19 नदी सांड, 179 बछिया एवं 190 बछड़े हैं ।

भूसा गोदाम में 2500 क्विंटल भूसा भंडार संरक्षित है जिसमें से प्रतिदिन 20 क्विंटल भूसा, 5 क्विंटल चोकर, दो ट्राली हरा चारा एवं 20 किलो गुड़ गोवंशों को प्रतिदिन दिया जाता है। 17 एकड़ में हरा चारा बोया गया है, 30 रुपए प्रति गोवंश पर प्राप्त होता है एवं वर्तमान में 36 गोवंश लंपी बीमारी से प्रभावित /संक्रमित है, उन्हें गौशालय के फार्म पर आइसोलेट कर उनके लिए अलग से श्रमिको द्वारा उचित खान पान/चारे की व्यवस्था एवं स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है।

जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी पडरौना को खाली पड़े भूमि की पैमाइश कर उपलब्ध भूमि पर नेपियर घास, हरे चारे बोये जाने हेतु आवंटित किए जाने हेतु निर्देशित किया, क्योंकि नेपियर घास पशुओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है एवं नगर पालिका अधि0अभि0 को फॉगिंग कराने,नियमित रूप से साफ सफाई, पशुओं को उचित मात्रा में भूसा, चोकर ,गुड़ एवं अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने हेतु निर्देशित किया।

उन्होंने ने कहा जो भी पशु लंपी बीमारी से संक्रमित है उन्हें आइसोलेट कर अलग रखे और उनकी खान-पान की व्यवस्था एवं उचित स्वास्थ्य/ चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने हेतु मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया।
निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने सी.वी.ओ रविन्द्र सिंह को गो संरक्षण केंद्र हेतु पशु चिकित्सक की नियमित उपस्थिति के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने पर्यटन के दृष्टिगत गो आश्रय केंद्रों पर हाट एवं विकसित रमणीय स्थल बनाए जाने के निर्देश दिए, जहां लोग आकर जन्मदिन, पूजा पाठ आदि मना सके।
DM ने सीवीओ/उपजिलाधिकारी को ब्लॉक /तहसील स्तर पर टीम गठित करने और लंपी बीमारी से बचाव एवं सुरक्षा के उपायों के बारे में बताने तथा ग्राम पंचायत स्तर पर बीमारी की रोकथाम करने हेतु जागरूकता अभियान चलाने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। डीएम ने कहा जिन ग्रामों में लंपी बीमारी अभी नहीं फैली है वहां पर वैक्सीनेशन/टीकाकरण का कार्य वृहत स्तर पर टीम गठित कर तेजी से करवाए, जिससे यह रोग तेजी से फैलने से न फैले ।जो पशु इस बीमारी से संक्रमित है उन्हें स्वस्थ पशुओं से अलग रखने हेतु एवं उनकी खान पान/चारा की अलग व्यवस्था करने हेतु किसानो को जागरूक करने हेतु संबंधित को निर्देशित किया।

जिलाधिकारी ने सभी किसान एवं पशुपालक बंधुओ से अपील की है कि वर्तमान में लंपी बीमारी पशुओं में तेजी से फैल रही है इसलिए अपने गौवंश/पशुओं का टीकाकरण अवश्य कराएं। अगर कोई पशु लंबी बीमारी से संक्रमित होता है उसे तो उसे आइसोलेट कर स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखें और उनके खान-पान/चारे, गुड़, चोकर एवं स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था करें।

लंपी संक्रमित पशुओं/गोवांशों से डरे नहीं बल्कि चिकित्सकों की सहायता से उनकी उचित देखभाल करें। वृहत स्तर पर गोवंशो/पशुओं का टीकाकरण करवाए। उन्होंने कहा कि युद्ध स्तर पर टीकाकरण, सुरक्षा, सतर्कता ,बचाव एवं जागरूकता से ही इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।अपने आसपास के किसानों/पशुपालकों को जागरूक करें।

इस अवसर पर परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण जगदीश त्रिपाठी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रविंद्र सिंह, उपजिलाधिकारी पडरौना महात्मा सिंह , चिकित्सक तथा सभी संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।

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