सर्दियों में अगर हमेशा रहते हैं आपके हाथ-पैर ठंडे तो जानें इसकी वजह और बचने का तरीका
Reason to Hands-Feet Cold in Winter: सर्दियों (Winter) में बहुत से लोगों के साथ ये दिक्कत होती है कि उनके हाथ-पैर ठंडे (Cold) बने रहते हैं. फिर वो चाहें कितने भी दस्ताने और मोज़े क्यों न पहन लें या फिर शॉल और रजाई में अपने हाथ क्यों न दिये रहें. अगर देखा जाये तो ये बात लोगों को बहुत ही नॉर्मल सी लगती है.
जबकि इसके पीछे की वजह शरीर में मौजूद बीमारियां (Diseases) और कमियां भी हो सकती हैं. इसके साथ ही कुछ बातें भी ऐसी होती हैं जिसको आप इग्नोर करते रहते हैं. तो आइये आज जानते हैं कि सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे बने रहने के पीछे क्या वजह है और इससे राहत पाने के लिए आपको किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत है.
हाइपोथाइरॉयडिज्म की वजह से
गले पर स्थित थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले थाइराइड हार्मोन की अनियमितता अथवा उसकी कमी भी शरीर में धीमे रक्त-संचार का कारण बन सकती है. जो हाथ-पांव में ठंड लगने की वज़ह हो जाती है. गौरतलब है कि थाइराइड हार्मोन हमारे उपापचय और दिल की धड़कन को भी प्रभावित करता है. इसलिये शरीर में इसकी कम मात्रा में उत्पादन खून का संचार भी धीमा कर देता है जिससे हमारे हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं.
मधुमेह या डायबिटीज़ की वजह से
डायबिटीज़ या शुगर की दवाओं में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं जो हमारे शरीर में खून की मात्रा कम कर देते हैं. ज़ाहिर है कि इससे रक्त-संचार धीमा हो जाता है और हमारे हाथ-पैर ठंडे बने रहते हैं. इसके अलावा शुगर में तंत्रिका-तंत्र को नुकसान पहुंचने की आशंका भी बनी रहती है. इसकी दिक्कत जिन्हें होती है उनके हाथ-पैरों में झुनझुनी और ठंडेपन की समस्या भी होती रहती है.
एनीमिया की वजह से
एनीमिया का सीधा अर्थ है, खून की कमी. दरअसल हमारे खून में अधिकांश हिस्सा लाल रक्त कणिकाओं यानी आरबीसी का होता है. इनकी कमी से ही एनीमिया यानी रक्ताल्पता की समस्या आती है. इसके लिये ऑयरन और फोलेट के साथ ही विटामिन-बी(12) की कमी भी जिम्मेदार हो सकती है.
इसके अलावा किडनी का सही तरीके से काम न करना भी रक्ताल्पता का कारण हो सकता है. जिन्हें एनीमिया यानी रक्ताल्पता की दिक्कत हो जाती है उनके हाथ-पैर अक्सर ठंडे ही बने रहते हैं. क्योंकि ये लाल रक्त कणिकाएं ही होती हैं जो हमारे रक्त-परिसंचरण को दुरुस्त रखती हैं.
धीमे ब्लड सर्कुलेशन की वजह से
जब आपके खून की गति धीमी होती है तो स्वाभाविक ही शरीर में गर्मी कम हो जाती है. ऐसा लगातार सुस्ती में बैठे रहने के चलते भी होता है. तब आपके हाथ-पैर भी ठंडे बने रहते हैं. इसके लिये आपको रोजाना कुछ योगासन या फिर एक्सरसाइज़ करते रहना चाहिये. ताकि आपका रक्तचाप सही रहे और ठंड न लगने पाये. जिससे आपके हाथ-पैर ठंडे रहने से बचे रह सकें.
धमनियों में ब्लॉकेज होने की वजह से
जब कोलेस्ट्रॉल या दूसरे कारणों से हमारी धमनियों में जकड़न आ जाती है तब भी हमारे खून की गति मंद पड़ जाती है. इस प्रकार हमारा रक्त-संचार या ब्लड-सर्कुलेशन खराब हो जाता है. जिससे हमारे हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं और काफी कोशिश के बावजूद गर्म नहीं होते हैं. ऐसा रक्त-वाहिकाओं यानी ब्लड-वेसेल्स मे प्लाक जमने की वज़ह से होता है. इसलिये हमें इस दिक्कत से बचे रहना चाहिये.
इन बातों का रखें ख्याल
सर्दियों में आपके हाथ-पैर ठंडे न रहें इसके लिए ऊनी या फिर गर्म जूतों का प्रयोग करें. गर्म कपड़े और दस्ताने व मोज़े हमेशा पहने रहें. रोजाना एक्सरसाइज़ और फिजिकल एक्टिविटी करते रहें. निकोटीन के असर से बचें, क्योंकि ये चीजें ठंडक के असर को बढ़ा देती हैं. बैठ कर काम करते समय बीच-बीच में उठें और तेज चलें जिससे बॉडी में गर्माहट बनी रहे.