Viagra Overdose: वियाग्रा के ओवर डोज से नर्क बन गई 28 वर्षीय युवक की जिंदगी, तीन माह पहले हुई थी शादी; जानें- पूरा मामला
लखनऊ। Viagra Overdose: यदि आप वियाग्रा के सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइये। इसके कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली दवा वियाग्रा की ओवरडोज व्यक्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आया है।
भारतीय जीवन दर्शन कहता है ‘अति सर्वत्र वर्जयेत’ यानी किसी भी चीज की अति घातक होती है। ऐसा ही अति का प्रसंग यहां सामने आया है। वायग्रा का नाम तो आपने सुना ही होगा। पुरुषों की यौन क्षमता से संबंधित इस दवा की अत्याधिक डोज ने यहां के 28 वर्षीय युवक की जिंदगी विवाह के चंद दिनों बाद ही नारकीय बना दी।
राहत की बात यह थी कि डाक्टरों ने इस केस को चुनौती के रूप में लिया और दुर्लभ पेनाइल प्रोस्थेसिस आपरेशन कर उसे नई जिंदगी दे दी। जल्द ही युवक फिर सामान्य ढंग से जीवन जीने लगेगा। पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
प्रयागराज मंडल के सबसे बड़े सरकारी चिकित्सालय, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) में यूरोलाजी विभाग के डाक्टरों की टीम ने शनिवार को करीब ढाई घंटे तक आपरेशन कर ऐसा कारनामा कर दिखाया जो चिकित्सा जगत में दुर्लभ माना जाता है।
नपुंसक होने की कगार पर पहुंच चुके इस युवक के लिए मुंबई के डा. रूपिन शाह आपरेशन फार्मूले को अपनाया गया। यह प्रयागराज में पहली बार हुआ। इससे नपुंसकता का अभिशाप झेल रहे अन्य लोगों के लिए भी उम्मीद जग गई है।
सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक स्थित यूरोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. दिलीप चौरसिया टीम की कामयाबी से गदगद हैं। उन्होंने बताया कि युवक ने दो माह पहले संपर्क किया था। विवाह करीब तीन माह पहले ही हुआ है। पेशेंट वियाग्रा का सेवन पहले से करता था और शादी के बाद डोज बढ़ा दी।
दुष्परिणाम यह हुआ कि शारीरिक संबंध बनाने की उसकी क्षमता खत्म हो गई। स्खलन बंद हो गया। कारण यह था कि युवक ने वियाग्रा की 200 एमजी (मिलीग्राम) डोज ले ली थी। आमतौर पर यह 25 से 30 मिलीग्राम लेनी चाहिए वह भी डाक्टरी सलाह पर।
आपरेशन के दौरान युवक के गुप्तांग में पेनाइल प्रोस्थेसिस (मेडिकल उपकरण) प्रत्यारोपित किया गया। इसे दिल्ली से मंगाया गया था, इसकी कीमत 35 हजार रुपये है। मरीज की हालत अब ठीक है और अगले एक सप्ताह बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।
डा. चौरसिया का दावा है कि ऐसा आपरेशन उत्तर भारत में फिलहाल नोएडा के ही एक-दो चिकित्सक कर पाते हैं। वाराणसी अथवा लखनऊ में ऐसे आपरेशन की जानकारी उन्हें नहीं है। डा. अमित त्रिपाठी, डा. अलंकार जयसवाल, डा.अभय कुमार और एनेस्थेटिक डा. प्रिया भी आपरेशन में शामिल थे।