UP : सूदखोरों से तंग आकर मां-बेटे ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा सुदखोरों का नाम
गोरखपुर। Shocking Incident in Gorakhpur: गोरखपुर शहर के जनप्रिय बिहार कालोनी में रहने वाले मां-बेटे ने आर्थिक तंगी और सूदखोरों के दबाव में जहरीला पदार्थ खाकर जान दी थी। बुधवार को फोरेंसिक टीम के साथ पहुंची गोरखनाथ पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो तीन पन्ने का सुसाइड नोट मिला, जिसमें घर की आर्थिक तंगी व सूदखोरों का नाम भी लिखा है। गोरखनाथ थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
घर खर्च के लिए सूद पर लिए थे रुपये
बुधवार की सुबह फोरेंसिक टीम के साथ प्रभारी निरीक्षक थाना गोरखनाथ दुर्गेश सिंह जनप्रिय बिहार कालोनी स्थित सरोज देवी के घर पहुंचे। कमरे का ताला खुलवाने के बाद तलाशी ली तो सुसाइड नोट मिला। इसकी जानकारी होने पर एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी पहुंच गए। आसपास के लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे मां-बेटे ने खर्च चलाने के लिए सूदखोरों से रुपये लिए थे। जिसे लौटाने का वह दबाव बना रहे थे।
बैंक में नौकरी करने वाला बड़ा बेटा श्रीश भी मदद नहीं कर रहा था। परेशान होकर वह मंगलवार की दोपहर में छोटे बेटे मनीष उर्फ विक्की के साथ श्रीश से मिलने खलीलाबाद उसके बैंक पर गई थी।जहां उनमें कहासुनी हुई, बाद में वह घर पर लौट आए और रात में जहरीला पदार्थ खा लिया।
सुसाइड नोट में लिखा सूदखोरों ने परेशान कर दिया है
तीन पन्ने के सुसाइड नोट में सरोज ने लिखा है कि अधिक कर्ज होने की वजह से आत्महत्या कर रही हूं। रुपये वापस लौटाने के बाद भी सूदखोर जबरन रुपये मांग रहे हैं। उन्होंने मेरे नाम का स्टैंप और चेक ले लिया है। लाइसेंस न होने के बाद भी कुछ महिलाएं ब्याज पर रुपये दे रही हैं। मोनी, सुनीता, लक्ष्मी और सोनू गौड़ ने हमे परेशान कर दिया है।
गायत्री को दे देना एक लाख रुपया
सरोज देवी ने सुसाइड नोट में बड़े बेटे को उनकी मौत के बाद घर में काम करने वाली गायत्री को एक लाख रुपये देने की बात लिखीं हैं। मोहल्ले की ही रहने वाली गायत्री तकरीबन 12 वर्षों से उनके घर में काम कर रही थी। अब वह उनके घर के एक सदस्य की तरह हो गई थी।
यह है मामला
मूलत: सिद्धार्थनगर जिले के नौगढ़ क्षेत्र के मोहनाजोत गांव निवासी सत्यप्रकाश राव पीएनबी में काम करते थे।उनकी मौत के बाद पत्नी सरोज देवी बेटे श्रीश राव और मनीष उर्फ विक्की के साथ रहतीं थीं। बड़ा बेटा श्रीश पीएनबी बैंक में खलीलाबाद में कैशियर पद पर तैनात है।छह माह पहले उन्होंने मकान को सामने मैरेज हाउस चलाने वाले बक्शीपुर निवासी सज्जाद अली को बेच दिया था। मां ने मकान बेचने से मिली 69 लाख रुपये बड़े बेटे के साथ संयुक्त खाते में रखा था।
बाद में बेटे ने खाते को एकल करा दिया, जिससे वह खाते से रुपये नहीं निकाल पा रही थी। इसको लेकर विवाद होने पर दिवाली के दिन बड़ा बेटा पत्नी के साथ अपना सामान लेकर अलग जाकर रहने लगा। इस बीच आर्थिंक तंगी से जुझ रही मां ने समूह से रुपया उठाने के साथ कुछ लोगों से सूद पर भी रुपया ले लिया था। मकान बेचने की जानकारी होने के बाद वह रुपये वापस करने का दबाव बना रहे थे।