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मैं,हिंदी हूं मुझसे हिंदुस्तान बना ना मैं मिटूगी ना हिंदुस्तान मिटेगा

मिर्जा शमीम बैग मध्य प्रदेश इंदौर

।मैं हिंदी हूं देश की राष्ट्रभाषा 14 सितंबर 1949 को राजेंद्र सिन्हा के 50 में जन्मदिन पर संविधान सभा द्वारा आधिकारिक रूप से चुन लिया गया 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के साथ ही प्रभाव में लाया गया श्री राजेंद्र सिन्हा के 50 में जन्मदिन पर इसे राष्ट्रीय भाषा के रूप में दर्जा दिया गयाl

मैं मिर्जा शमीम बैग आप सभी को बताना चाहती हूं अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व सर्व धर्म सम्मेलन में आपने हिंदी में ही भाषण दिया था जिस की जमकर तारीफ हुई थी क्योंकि मैं हिंदी हूं आगे देखें मैं भारत देश की पहचान हूं यहां के 90% लोग केवल हिंदी ही जानते हैं मैं बड़ी नरम मीठी सरल भाषा हूं मेरे को गर्व है क्योंकि सभी देशों में मुझे सीखा जा रहा हैl मैं स्वयं की एक पहचान रखती हूं किसी दूसरी भाषाओं से अपना मिलाप नहीं करतीl

मेरी वर्णमाला जो है वही लोगों को मेरी ओर खींचती है कभी दूसरी भाषा को पढ़ने के बाद मुझे पढ़ना तो पता चल जाएगा कि मैं कितनी मीठी और मनमोहक हूं और मैं हिंदुस्तान की शान हूं हिंदुस्तान का नाम भी हिंदी से ही जाना जाता हैl

इसलिए मैं राष्ट्रीय भाषा हूं हिंदुस्तान की लेकिन मुझे अफसोस इस बात का होता है कि मेरी भाषा में बात करने से शायद मेरे ही देश के लोगों की शान घटती है और जो मेरी भाषा में बात करते हैं उन्हें लगातार अनदेखा किया जाता है या फिर यूं कहूं उन्हें इज्जत की दृष्टि से नहीं वल्की की बेवकूफ समझा जाता हैl

पश्चिमी सभ्यता को तो पहले ही अपना चुके हैं और उस पर विदेशी भाषा अपने देश पर पूर्णता हावी हो चुकी है अधिकांश यह देखने को मिलता है सरल बोलचाल में भी लोग अंग्रेजी ही बोलते हैं एवं बोलने वाले को काफी इज्जत की दृष्टि से देखते हैं आखिर मेरे बोलने से लोगों की क्यों शान घटती हैl

मैं वह भाषा हूं जब से दुनिया बनी है और उसके भी पूर्व से याने देव युग से मेरा अस्तित्व है लेकिन अब लगता है कि मैं वृद्ध हो गई हूं कलयुग में मेरा अस्तित्व क्षीण होता जा रहा है अति शीघ्र मुझे लुप्त कर दिया जाएगा अगर समय रहते इस पर कोई कदम कड़ा नहीं उठाया गया तो भारत में हर पुरानी चीजों का नाम बदलने का रिवाज चल पड़ा है इसी के चलते हिंदी भी एक दिन गायब हो जाएगी और इसका जिम्मेदार और कोई नहीं सिर्फ हिंदुस्तान ही होगाl

मैं मिर्जा शमीम बैग यह बताना चाहती हूं कि हमारी राष्ट्रीय भाषा का पूरा हिंदुस्तान इज्जत करें एवं सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहती हूं की कड़े कानून बनाए जाएं एवं देश के हर कार्यालयों में कोर्ट में एवं मेडिकल डॉक्टरों के कार्य में सिर्फ हिंदी का ही उपयोग कराया जाए मैं शमीम यह मानती हूं कि जब भारतीय लोग दूसरे देशों में जाते हैं तो उन्हें अंग्रेजी की जरूरत पड़ती हैl

उसके लिए भी कानून बनाएं कि देश से बाहर जाने पर ही अंग्रेजी में बातचीत करें एवं अंग्रेजी में अपना कार्य करें हिंदुस्तान में नहीं होना चाहिए इंग्लिश का बोलबाला क्योंकि मैं हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा हूं तो मेरी इज्जत करो नहीं तो विदेशी भाषा के गुलाम बने रहो मैं हिंदी हूं मुझे कोई मिटा नहीं सकता मैं देव युग से चल रही हूंl

इसलिए मेरा समर्थन करो अपनी कलम से कुछ लिखते समय लड़ाई आपको स्वयं से ही करनी पड़ेगी जब भी कलम उठाओ हिंदी में ही लिखो दूसरी बात जहां अंग्रेजी बोली जाए आप तत्काल याद दिलाएं की हिंदी में बात करें और यही बात धीरे-धीरे आगे बढ़ती चली जाएगीl

इस तरीके से हिंदी को महत्व लोग देने लगेंगे अगर आप मौन रहते हैं तो वह दिन दूर नहीं जब हिंदी समाप्त हो जाएगी अपनी राष्ट्रभाषा की इज्जत करो और बोलने वालों की इज्जत करो तो हिंदी की इज्जत अपने आप होने लगेगी!

“मैं हिंदी हूं!
मुझसे हिंदुस्तान बना,
ना मैं मीटूगी,ना हिंदुस्तान मिटेगा,मैं हिंदी हूं! मुझसे हिंदुस्तान बना ,मैं आपके राष्ट्र की राष्ट्रभाषा हूं, मुझे पहचानो!”

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