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अब वादा करो तभी तुम्हारी चाय पीएंगे, IPS सुभाष दुबे के वायरल वीडियो में ऐसा क्या है…

नई दिल्ली. फिल्म गंगाजल का वह सीन आपको याद होगा जिसमें आईपीएस बने अजय देवगन सस्पेंडेट कांस्टेबल के साथ चाय की ठेली पर रुकते हैं जहां उसका बेटा उन्हें चाय देता है. अजय देवगन उससे कहते हैं कि यदि तुम अपने बेटे को स्कूल भेजोगे तभी हम तुम्हारी चाय पीएंगे.

फिल्म का यह दृश्य असल में भी सामने आया है. दरअसल, वारणसी के पुलिस कमिश्नर सुभाष दुबे (Subhash Dubey IPS) का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सुभाष दुबे एक चाय की दुकान पर एक बच्चे से बात कर रहे हैं. दुबे उस बच्चे को दुलार रहे हैं और पढ़ाई के बारे में पूछताछ कर रहे हैं. दुबे का यह वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है. वैसे आईपीएस सुभाष दुबे अक्सर सोशल मीडिया में कुछ न कुछ शेयर करते रहते हैं.

वे सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं. समाज के प्रति उनका मानवीय रुख हमेशा सुर्खियां बटोरता है. हाल ही में उन्होंने इस वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट किया है जिसमें वे 13 साल के बच्चे से कह रहे हैं कि यदि पढ़ाई करोगे तभी तुम्हारी चाय पीएंगे. जब तक दुबे बच्चे और बच्चे के पिता से इसका आश्वासन नहीं ले लेते तब तक वे यहां से जाते नहीं है.दरअसल, यह मामला शूलटंकेश्वर मंदिर क्षेत्र का है जहां पेट्रोलिंग करते हुए उनकी इस बच्‍चे से संक्षिप्‍त मुलाकात हो जाती है.

वे घाट पर जैसे ही रुकते हैं यह बच्चा केतली में उन्हें चाय देने के लिए आता है. बच्चे ने उन्हें शालीनता से कहा कि सर चाय पीएंगे. बच्चे को देखकर वे चौंक जाते हैं. इसके बाद वे बच्चे से बात करने लगते हैं. उन्होंने नाबालिग से पूछा कि आप पढ़ाई करते हो या सिर्फ चाय बेचते हो. बच्चे ने कहा, सर मैं पढ़ता भी हूं और चाय भी बेचता हूं.

यह उम्र चाय बेचने की नहीं

अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) सुभाष दुबे इसके बाद बच्चे को समझाते हैं कि आपको इस उम्र में चाय नहीं बेचनी चाहिए. आपको अभी पढ़ाई करनी चाहिए. इसके बाद दुबे ने बच्चे से पूछा आप कहां पढ़ते हो. इस पर बच्चे ने कहा, ‘मैं महामना मालवीय इंटर कालेज में पढ़ता हूं. खाली समय में पिता की मदद करता हूं.’ बच्चे ने कहा, ‘अभी स्कूल बंद है. सोमवार से खुलेगा तो मैं तीन दिन स्कूल जाता हूं.’

इस बीच बच्चे के पिता भी वहां पहुंच गए. सुभाष दुबे ने बच्चे के पिता से पूछा कि क्या आप बेटे से दुकान पर काम कराते हैं तो इस पर पिता ने कहा, नहीं साहब, बेटा मेरे काम में सिर्फ सहयोग करता है. सुभाष दुबे ने पिता की बात सुनने के बाद कहा कि बेटे से अभी काम नहीं करवाना चाहिए. यह उम्र पढ़ाई की है.

पैसे की दिक्कत हो तो मुझे बताओ

सुभाष दुबे ने बच्चे और बच्चे के पिता को कहा कि अगर किसी तरह की दिक्कत है तो मुझे बताओ, मैं मदद करूंगा. उन्होंने बच्चे के पिता से कहा, ‘इसे मन से पढ़ाइए, यह बेटा बहुत आगे जाएगा. यदि पैसे की दिक्कत हो तो मुझे बताओ, मैं पूरी मदद करूंगा.’ पिता ने कहा, ‘साहब पैसे की दिक्कत नहीं है.

मैं खुद चाहता हूं कि बेटा पढ़े.’ सुभाष दुबे ने कहा कि 13 साल की उम्र में चाय नहीं बेचनी चाहिए, यह पढ़ाई का समय है. बातचीत में बच्चा बेहद हाजिरजवाब निकला. उससे प्रभावित होकर सुभाष दुबे ने पांच सौ रुपये पुरस्कार के तौर पर दिए.मदद के लिए जाने जाते हैं

आईपीएस सुभाष दुबे

सुभाष दुबे अक्सर अपने मानवीय कामों के लिए चर्चा में रहते हैं. हाल ही में पेट्रोलिंग के दौरान उन्होंने देखा कि भेलूपुर जल संस्थान के पास सड़क हादसे में एक छात्र घायल हो गया है, लेकिन उसकी कोई मदद करने वाला नहीं है. उन्होंने तुरंत गाड़ी से उतरकर खुद छात्र को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया.

खून से लथपथ अचेतावस्था में हाईस्कूल के छात्र का समय से उपचार शुरू हुआ. हालांकि घटना के दौरान कई राहगीर और आसपास दुकानदारों की भीड़ जमा थी और लोग तमाशबीन होकर मोबाइल से वीडियो बना रहे थे.

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