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उत्तर रेलवे आलमबाग का उप भंडार प्रबंधक एवं यूनियन का चहेता कुख्यात भ्रष्ट अधिकारी आलोक मिश्रा गिरफ्तार, करोङों की बनायी अवैध संपत्ति

ओपी सिंह वैस

लखन्ऊ / उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल भ्रष्टाचार में महारत हासिल एवं यूनियन का एक चहेता कुख्यात अधिकारी आलोक मिश्रा सीबीआई के शिकंजे में आखिर फंस ही गये ले किन आलमबाग स्टोर का एक बाबू जो इसका मुख्य कर्ता धर्ता है और यूनियन का चहेता है बच निकला।

मिली जानकारी के अनुसार उप मुख्य भंडार प्रबंधक आलोक मिश्रा जो एक सजातीय यूनियन के नेता का
काफी चहेता बताया जाता है काफी समय से खरीद और बिक्री में करोङो का कमीशन खोरी कर चुका है जिससे यहां आने वाले ठेकेदारों में काफी आक्रोश व्याप्त था।

आप को बताते चलें कि आलमबाग स्टोर में महीनें में पीतल एंव तांबे एल्युमीनियम और लोहे की बिक्री होती है जिसमें लोको का इंजन और डिब्बे शामिल होते हैं,तथा करोङों के नये सामानों की खरीददारी की जाती है। जिसके लिए दिन भर ठेकेदारों की आमदरफ्त बना रहता है। रेलवे के सूत्रों के अनुसार इसमें यूनियन के एक नेता भी शामिल है जो अपने गुर्गो को दिलाने के लिए ठेका सक्रिय रहता है।

इस भंडार (स्टोर) के अधीन लखनऊ एवं मुरादाबाद मंडल के सभी सामानों की बिक्री और खरीद यहां होती है। ये तो एक छोटी मछली है जो सीबीआई के हाथ लगी है । मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में रेलवे की विजिलेंस एवं यूनियन का एक नेता भी शामिल बताया जाता है जो करोङों का मकान गोमती नगर में बना चुका है। आलमबाग प्रकरण में अगर सीबीआई निष्पक्ष जांच करेगी तो लगभग एक दर्जन बाबू और यूनियन के नेता शिकंजे में फंस जायेंगे।

जब कि समय -समय पर लखनऊ से प्रकाशित एक सम्मानित हिंदी दैनिक समाचार पत्र रेलवे मंत्रालय को आगाह करता रहा। आलम बाग भंडार में एक दर्जन अधिकारी एवं कर्मचारी करोङो का माल डकार लिये हैं रेलवे की। देखिए रेल मंत्री जी आपके रेलवे के अधिकारी एवं यूनियन गंठजोङ ने क्या -क्या गुल खिला रहे हैं।

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