UP : कोटेदार के खिलाफ जांच शुरू, परिवार के आठ सदस्यों के नाम कार्ड बनवाकर राशन उठाने का है आरोप
गोरखपुर । सरकार गरीबों को निश्शुल्क राशन मुहैया कराकर उन्हें मदद पहुंचाने का कार्य कर रही है। लेकिन कुछ ग्राम पंचायतों में कोटेदार की मनमानी इस कदर हावी है कि वह गरीबों के हक पर डाका डालने से नहीं चूकते। वह अपने ही स्वजन का अंत्योदय कार्ड बनवाकर राशन का उठान कर रहे हैं, अन्य पात्र राशन के लिए तरस रहे हैं। ताजा मामला सिद्धार्थनगर जिले के भनवापुर विकास खंड के ग्राम पंचायत तेनुई का है। यहां के कोटेदार पर ग्रामीणों ने राशन न देने और गलत तरीके से अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कार्ड बनवाने की शिकायत एसडीएम डुमरियागंज से की थी।
कोटेदार के घर वाले भी उठाते हैं राशन’ शीर्षक से इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया। रविवार को पूर्ति विभाग के एआरओ जांच को पहुंचे तो उन्हें यहां भारी गड़बड़ी मिली। जांच में पाया कि कोटेदार के परिवार में आठ अंत्योदय कार्ड बने हैं जिसके माध्यम से प्रति माह राशन उठाया जा रहा है।
तेनुई गांव के राजेश पांडेय आदि लोगों ने 30 मार्च को एसडीएम डुमरियागंज को शिकायतीपत्र देकर आरोप लगाया था कि कोटेदार के परिवार में तीन पात्र गृहस्थी के कार्ड गलत तरीके से बने हैं, जबकि वह इसके पात्र नहीं हैं। एसडीएम ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए।
एआरओ विजय प्रकाश सहाय गांव में जांच को पहुंचे तो उन्होंने पाया कि कोटेदार भगवानदास के घर में बेटा सुशील कुमार, पत्नी पिंकी देवी, भाई शिवदास, बहू निर्मला, मालती, गंगाराम, मोती और सतीश के नाम पर गलत तरीके से पात्र गृहस्थी के कार्ड जारी हैं। उन्होंने गांव के अन्य कार्डधारकों के बयान भी दर्ज किए। कुल 27 लोगों ने बयान दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उन्हें निर्धारित मात्रा में राशन नहीं दिया जाता। चीनी आज तक कभी वितरित नहीं की गई।
कुछ लोगों ने तो आरोप लगाया कि उनका कार्ड पुराना बताकर राशन ही नहीं दिया जा रहा। एआरओ ने एसडीएम को जांच रिपोर्ट सौंपी है। भनवापुर के पटखौली नानकार में भी इसी तरह की शिकायत है। एसडीएम प्रमोद कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। कोटेदार से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।