PM नरेंद्र मोदी को राम और CM योगी को कृष्ण बताने पर कामरान की जमकर हुई पिटाई, हालत गंभीर
बरेली. यूपी के बरेली में एक मुस्लिम युवक की मोहल्ले के लोगों ने इसलिए जमकर पिटाई कर दी, क्योंकि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की थी. घटना बारादरी थाना क्षेत्र के सैलानी इलाके की है, जहां के रहने वाले कामरान नामक युवक को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की तारीफ़ करना महंगा पड़ गया. मिल रही जानकारी के मुताबिक कामरान ने पीएम मोदी को राम और मुख्यमंत्री योगी को कृष्ण बताते हुए उनकी तारीफ़ की थी. इसी बात से गुस्साए मोहल्ले के लोगों ने उसकी पिटाई कर दी.
पिटाई से कामरान (Kamran) के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और उसे गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है. पुलिस (Police) ने कामरान की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. उधर कामरान ने बताया कि उसने चुनाव में बीजेपी का समर्थन किया था. उसका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम का अवतार हैं. वह इस देश को बहुत अच्छे से चला रहे हैं. लोगों को सब कुछ मिल रहा है. राशन से लेकर सब कुछ मिल रहा है. मुख्यमंत्री योगी कृष्ण का अवतार है. मेरे इसी बात से कुछ कट्टरपंथी विरोध कर रहे थे.
5 के खिलाफ FIR दर्ज
कामरान ने बताया कि दो दिन पहले भी उसके साथ मारपीट की गई थी. आज मेरे ऊपर जानलेवा हमला किया गया. उसने बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि अगर वह उनका समर्थन करता है तो वे भी उसका साथ दें. फ़िलहाल कामरान की शिकायत पर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की तफ्तीश में जुट गई है. बारादरी थाने के इंस्पेक्टर नीरज मलिक का कहना है कि कामरान के भतीजे ने कुछ लोगों के साथ में मिलकर कामरान की पिटाई कर दी है. अब जो आरोप कामरान ने लगाए हैं उसकी तहरीर लेकर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. जल्द ही दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बीजेपी का समर्थन करने पर पहले भी हो चुकी है ऐसी वारदात
यह कोई पहला मामला नहीं है जब बीजेपी से जुड़ने और तारीफ करने पर किसी की पिटाई की गई हो. इससे पहले निदा खान के खिलाफ भी माहौल बनाने की कोशिश की गई. निदा खान को भी शादी समारोह में जाने से रोका गया तो एक महिला को उसके घर से सिर्फ इस लिए निकाल दिया गया था कि उसने विधान सभा चुनाव में बीजेपी को वोट देने की बात अपने सुसराल में बताई थी. पुलिस ने इन सभी मामलों में एफआईआर तो तत्काल दर्ज कर ली लेकिन कार्यवाई के नाम पर निष्पक्ष जांच का पहाड़ा पढ़ दिया जा रहा है.