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गूगल एप के जरिए तलाश रहे थे नौकरानी, अश्लील चैट में फंसकर बैंककर्मी ने गंवाए 52 लाख रुपये

लखनऊ,। तालकटोरा में रहने वाले बैंक कर्मी अजय श्रीवास्तव ने गूगल एप पर नौकरानी की तलाश में 52 लाख रुपये गवां दिए। दरअसल एप के माध्यम से वह जालसाजों के फेर में फंस गए। कोलकाता में बैठे जालसाजों ने उन्हें फोन किया और नौकरानी मुहैया कराने के बहाने उसे फोटो भेजी।

इसके बाद मोबाइल पर अश्लील बातों की आडियो और कुछ गतिविधियों की वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी दी। धमकाकर 52 लाख रुपये ठगे। पुलिस और साइबर क्राइम सेल की टीम ने जालसाज को गिरफ्तार कर उसके पास से 50.17 लाख रुपये बरामद कर लिए।

इंस्पेक्टर साइबर क्राइम सेल रणजीत राय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित संदीप मंडल है। वह कोलकाता के न्यू टाउन हिडको आवासन बिल्डिंग हेयर स्ट्रीट इलाके का रहने वाला है। उसके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल, पीड़ित अजय के 50.17 लाख रुपये बरामद कर लिए गए हैं। वहीं, अन्य साथियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। इंस्पेक्टर ने बताया कि पीड़ित अजय पीएनबी बैंक में नौकरी करते हैं।

उन्होंने बताया कि बीते मार्च माह में वह गूगल पर लोकैंटो प्लेटफार्म पर सर्च कर रहे थे। इसके बाद उनके संदीप मंडल ने फोन किया। संदीप मंडल कोलकाता में एक काल सेंटर चलाता है। वह गूगल पर डेटिंग एप भी चलाता है। जिसमें फोन पर बातचीत करने के लिए वह लड़कियां भी मुहैया कराता है।

संदीप ने अजय से बात की और कहा कि आपने मेरी वेबसाइट पर सर्च किया था। आपकी क्या जरूरत है। अजय का कहना है कि उन्होंने कहा कि उन्हें घर पर काम करने के लिए नौकरानी चाहिए। संदीप ने रजिस्ट्रेशन और अन्य मदों में एक खाते में रुपये डलवाए।

इसके बाद अजय को कुछ फोटो भेजी। फोटो लड़की के पिछले हिस्से की थी। अजय से एक फोटो सेलेक्ट करने के लिए कहा। अजय ने फोटो सेलेक्ट कर ली।

इसके बाद संदीप ने अजय से लड़की की फोन पर बात कराई। फोन पर बात करने के दौरान लड़की ने कुछ अश्लील बातें की इसके बाद वीडियो काल भी की। संदीप ने लड़की के माध्यम से अश्लील आडियो और वीडियो दोनों रिकार्ड कर लिया। इसके बाद उसे वायरल कर अजय के परिवारजन को भेजने का झांसा देकर ठगने लगे।

डेढ़ माह में ठगे 52 लाख :

एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि अजय से डेढ़ माह में संदीप ने 52 लाख रुपये ठग लिए। अजय बदनामी के डर से संदीप की डिमांड पर उसके खाते में रुपये डालते रहते थे। अजय के पास जब रुपये खत्म हो गए तो उन्होंने 15-20 लाख रुपये लोन लिया। इसके अलावा अपनी बीमारी के खर्च के नाम पर दोस्तों और रिश्तेदारों से भी रुपये लिए।

यह रुपये भी उन्होंने संदीप के खाते में ट्रांसफर किए। अजय प्रताड़ना से त्रस्त हो चुके थे। इसके बाद उन्होंने तहरीर दी। तालकटोरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच में साइबर क्राइम सेल को लगाया गया।

नंबर और आइडी ट्रेस कर पकड़ा :

साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट फिरोज बदर ने बताया कि पीड़ित के द्वारा दी गई आइडी और मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपित की लोकेशन ट्रेस की गई। इसके बाद टीम को कोलकाता पहुंची। वहां दो दिन तक छानबीन चलती रही। इसके बाद हेयर स्ट्रीट थाना के अजीत सेन भवन में छापेमारी की गई।

तब पता चला कि यहां आफिस चलता है। इसके बाद संदीप मंडल को पकड़ा गया। संदीप ने फर्जी तरीके से कंपनी बना रखी थी और लोगों को ठगने के काम करता था। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। इन लोगों के पास 40-50 मोबाइल और 70-80 फर्जी बैंक खाते भी संज्ञान में आये हैं। उनकी पड़ताल की जा रही है।

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