आईटी फर्म से रकम ऐंठने के लिए की थी छापेमारी, CBI के चार अधिकारी गिरफ्तारी के बाद बर्खास्त
New Delhi : सीबीआई ने दोषी कर्मियों के खिलाफ सबसे तेज कार्रवाई करते हुए एक कड़े संवैधानिक प्रावधान के तहत अपने चार अधिकारियों को बर्खास्त करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। कथित रूप से इन्हें रकम उगाही के लिए चंडीगढ़ में एक कंपनी पर छापा मारने में शामिल पाया गया है।
सीबीआई अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि सीबीआई को एक आईटी फर्म चलाने वाले चंडीगढ़ के एक व्यवसायी अभिषेक डोगरा से शिकायत मिली थी कि 10 मई को सीबीआई के चार लोगों सहित छह लोगों ने उसके ऑफिस में आए और उसे आतंकवादियों का समर्थन करने और उन्हें धन उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तारी की धमकी दी थी।
घटना 10 मई को रात 11 बजे फर्म के किशनगढ़ आईटी पार्क स्थित कार्यालय में हुई जब इन अधिकारियों ने तलाशी के बहाने व्यापारी से कहा कि उनके पास इंटरपोल का इनपुट है कि वह आतंकवादियों को धन मुहैया करा रहा था और उनकी फर्म को सहायता प्रदान कर रहा था। उसमें भी शामिल है।
व्यवसायी अभिषेक डोगरा द्वारा दायर शिकायत में कहा गया है कि वे उसे एक केबिन में ले गए जहां उन्होंने कथित तौर पर उसे जाने देने के लिए उससे 1 करोड़ रुपये की मांग की। डोगरा ने अधिकारियों को बताया कि उसने 20 दिन पहले ही फर्म शुरू की थी और उसका आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं है, इसके अलावा उसके पास उन्हें देने के लिए पैसे भी नहीं हैं।
जब व्यवसायी ने इतनी बड़ी राशि की व्यवस्था करने में असमर्थता जताई तो उन्होंने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की और धमकी दी कि उसे सीबीआई दिल्ली ऑफिस ले जाया जाएगा। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इसके बाद पैसों को लेकर उन अधिकारियों और व्यवसायी के बीच कहासुनी हो गई। इस पर उन्होंने डोगरा को बेसमेंट पार्किंग में घसीटा, उसे जबरन अपनी कार में बिठाया और उसे चंडीगढ़ के सेक्टर-30 में सीबीआई दफ्तर चलने के लिए कहा।
हालांकि, रास्ते में उन्होंने डोगरा को लुधियाना में अपने घर जाने के लिए कहा और उसे अपने परिवार को बुलाने और 25 लाख रुपये की व्यवस्था करने के लिए कहा, लेकिन उसके भाई ने ऐसा करने में असमर्थता जताई। शिकायत के अनुसार, वापस लौटते समय उनकी कार पंक्चर हो गई। इस बीच, डोगरा चुपके से बाहर निकलने में कामयाब रहे और अपने बिजनेस पार्टनर को फोन किया, जिन्होंने उन्हें बताया कि वे फर्जी सीबीआई अधिकारी हैं।