Crime

उरे लखनऊ मंडल में ठेकेदार अधिकारी गंठजोङ ने लिखा भ्रष्टाचार का पटकथा, 8000 रुपये प्रति माह पर ठेकेदारों द्धारा शोषण जारी, सरकार से भुगतान लेते हैं अधिकारी

  • उरे लखनऊ मंडल में ठेकेदार अधिकारी गंठजोङ ने लिखा भ्रष्टाचार का पटकथा, 8000 रुपये प्रति माह पर ठेकेदारों द्धारा शोषण जारी, सरकार से भुगतान लेते हैं अधिकारी
  • गंठजोङ ने लिखा भ्रष्टाचार का पटकथा 8000 रुपये प्रति माह पर ठेकेदारों द्धारा शोषण जारी सरकार से भुगतान लेते हैं ठेकेदार 18000 – रुपये प्रति माह

लखनऊ / उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में रेलवे संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का खुलेआम शोषण जारी, रेलवे का
ठेकेदार एवं अधिकारी मालामाल। मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मंडल में आऊट सोर्सिंग के जरिए रेलवे में
सैकङों कर्मियों की भर्ती हुई है और उनसे 12-12 घंटे की डियूटी ठेकेदारों द्बारा लिया जा रहा है और इस मंहगाई को देखते हुए उनको मात्र 7000-से 8000 रुपया प्रति माह दिया जा रहा है वेतन।

रेलवे के एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि लखनऊ मंडल में ठेकेदारों को संविदा पर रखे गये प्रति कर्मचारी को 18000/- रुपया प्रति माह रेलवे भुगतान करती है, ये रेलवे के माफिया अधिकारी गंठजोङ ठेकेदार मात्र 7000/-से 8000/- रुपया ही कर्मी को दिया जाता है। उन्हों ने बताया कि एक ठेकेदार तो ऐसा है जो मैकेनिकल विभाग के एक रेलवे अधिकारी का खास बताया जाता है उसने कुछ कर्मियों का एटीएम एवं चेकबुक हस्ताक्षर कराकर अपने पास रखा हुआ है जो पेमेंट बैंक में नियमानुसार सही भेजता है और बाद में एटीएम से आहरण कर लेता है।

रेलवे के सुत्र ने बताया कि इसमें यूनियन का एक नेता भी शामिल है। आपको बताते चलें कि मंडल रेल प्रबंधक के अलावा और किसी भी अधिकारी को वी आईपी गाङियों को देने का नियम नहीं है लेकिन लखनऊ मंडल में लगभग आधा दर्जन अधिकारियों के पास वातानुकूलित गाङी मौजूद है और लेखा विभाग से सरकारी पैसा पास करवा कर दुरूपयोग कर रहे हैं।

सबसे मजे की बात तो ये है कि इन अधिकारियों की ये सरकारी गाङियां इनके घरों के कार्य में लगी हुई हैं। जिससे सरकारी पैसों का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है। इसके अलावा यही नहीं ये अधिकारी रेलवे से बकायदा यातायात भत्ता भी ले रहे हैं ।इसका जीता जागता उदाहरण मंडल आफिस में तैनात एक पूर्व सी. डी. एम्.ई रह चुका है और उसकी जांच भी हुई लेकिन रेलवे बोर्ड में पकङ होने के कारण उसका बाल बांका तक नहीं हुआ।

बताया जाता है कि उक्त पूर्व सी डी एम्ई पर आधा दर्जन आरोप भी लग चुके हैं लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
जानकार लोगों ने बताया कि लखनऊ मंडल आफिस के मैकेनिकल विभाग कुछ ऐसे लोको निरीक्षक हैं जो लाखों रुपये वेतन लेकर केवल नेतागिरी एवं अधिकारियों की दलाली करने में संलग्न बताये जाते हैं। और इन लोको इंस्पेक्टरों के पास एक -एक सहायक भी लगे हुए हैं इस तरह से लगभग चार दर्जन रेल कर्मी करोङों रुपया रेलवे का चूना लगाकर वेतन आहरण कर रहे हैं।

(बाकी पढें अगले अंक में )

पूरी खबर देखें

संबंधित खबरें

error: Content is protected !!