PM Kisan: किसान सम्मान निधि में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा, 2290 फर्जी लाभार्थियों को मिला पैसा, अब होगी वसूली
इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले (Etawah News) में केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Scheme) में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. यहां कुल 2290 अपात्र लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये योजना का लाभ हासिल कर लिया है. इस खुलासे के बाद अब रिकवरी के लिए उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है. हालांकि इनमें से 2255 लाभार्थियो ने अभी तक निधि की राशि वापस नहीं लौटाई है.
इटावा के कृषि उपनिदेशक आरएन सिंह ने बताया कि रिकार्ड के सत्यापन में पकड़ में आए तो विभाग की ओर से रिकवरी नोटिस जारी की गई. इसके बाद 35 किसानों ने धनराशि लौटा दी है, लेकिन 2255 ने अभी तक पैसा नहीं लौटाया है. अगर इन किसानों ने स्वेच्छा से सम्मान निधि का पैसा नहीं लौटाया तो जुर्माना लगाकर 15 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि वसूल की जाएगी. उसके बाद भी धनराशि जमा न करने पर खाता सीज कर दिया जाएगा.
आयकर दाता, सरकारी पेंशनर, शिक्षामित्रों तक ने लिया पैसा
उन्होंने बताया कि 1 दिसंबर 2018 से केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना शुरू की. इसमें किसानों के बैंक खाते में तीन किस्तों में छह हजार रुपये भेजे जाते हैं. शुरुआत में किसानों को स्वलिखित शपथपत्र के आधार पर लाभ दे दिया गया. इससे बहुत से अपात्र किसानों ने भी जानकारी छिपाकर लाभ ले लिया. इटावा जिले में सम्मान निधि लेने वाले 2290 अपात्र किसान चिह्नित हो चुके हैं. इनमें आयकर दाता, सरकारी पेंशनर, शिक्षामित्र और एक ही परिवार के कई सदस्य शामिल हैं.
कृषि उपनिदेशक आरएन सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले अपात्र किसानों को नोटिस जारी किए गए थे. 35 किसानों ने 3.10 लाख रुपये लौटा दिए हैं. अन्य किसानों को दोबारा नोटिस भेजे जाएंगे. राशि न लौटाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि अपात्र किसानों को दोबारा नोटिस भेजे जाएंगे. जो अपात्र किसान स्वेच्छा से धनराशि लौटा देंगे, उन्हें सिर्फ ली हुई राशि लौटानी पड़ेगी. वहीं प्रशासन के माध्यम से वसूली की गई तो 15 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देनी पड़ेगी और फिर भी राशि न लौटाने पर बैंक खाता सीज करा दिया जाएगा.
कई किसानों की सम्मान निधि रुकी
इटावा जिले में बड़ी संख्या में किसानों की सम्मान निधि रुक भी गई है. इसकी कई वजह हैं. कई किसानों ने दो-दो बार रजिस्ट्रेशन करा दिया है, तो कुछ के रिकार्ड में दो-दो बैंक खाते जुड़ गए हैं। कई किसानों ने पहले दूसरा बैंक खाता दिया था, बाद में दूसरे बैंक खाते में आधार कार्ड अपडेट कराया तो पहले वाले खाते में सम्मान निधि आना बंद हो गई. लगभग ढाई हजार किसान सम्मान निधि के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. इनके रिकार्ड में संशोधन होना है.