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हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने रूस से खरीदा 20 लाख बैरल तेल, रूस में इस समय सस्ते दाम पर तेल उपलब्ध

नई दिल्ली, Agency। देश की सबसे बड़ी आयल रिटेलर इंडियन आयल कारपोरेशन (आइओसी) के बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने रूस से 20 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है। रूस में इस समय सस्ते दाम पर तेल उपलब्ध होने की वजह से भारतीय आयल कंपनियां यह कदम उठा रही हैं। इससे आयल कंपनियों पर दबाव घटेगा और वे पेट्रोल-डीजल की संभावित मूल्य बढ़ोतरी को कुछ समय तक टाल सकेंगी। सूत्रों ने बताया कि आइओसी की तरह एचपीसीएल ने भी यूरोपीय कारोबारी विटोल के माध्यम से रूसी कच्चा तेल खरीदा है। इसके अलावा मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) ने रूस से निर्यात स्तर का 10 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदने को लेकर निविदा जारी की है।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं। ऐसे में कई कंपनियां और देश इस समय रूस से तेल खरीदने से बच रहे हैं। इससे रूसी कच्चे तेल का दाम कम हुआ है और यह बाजार में भारी छूट पर उपलब्ध है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने सस्ते दाम पर तेल खरीदने से संबंधित निविदाएं जारी की हैं।

इन निविदाओं के लिए वैसे कारोबारी सफल बोलीदाता के रूप में उभरे हैं, जिनके पास सस्ते रूसी तेल का भंडार है। सूत्रों के अनुसार देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आइओसी ने पिछले सप्ताह विटोल के जरिये मई में डिलिवरी के लिए रूसी कच्चा तेल खरीदा। कंपनी को यह तेल 20-25 डालर प्रति बैरल सस्ता मिला है।

हालांकि देश की सबसे बड़ी निजी रिफाइनिंग कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) रूसी ईधन खरीदने से बच सकती है। इसका कारण कंपनी का अमेरिका में निवेश है। ऐसे में रूस पर पाबंदी से उसके कारोबार पर असर पड़ सकता । आइओसी का वर्ष 2020 से रूस के रोसनेफ्ट से कच्चा तेल खरीदने का समझौता है। लेकिन, समझौते के तहत इसने शायद ही कभी आयात किया क्योंकि रूस से तेल के परिवहन की लागत इसे आर्थिक रूप से घाटे का सौदा बना देती है। सूत्रों ने कहा कि प्रति बैरल 20-25 डालर की छूट ने रूसी कच्चा तेल को खरीदने लायक बना दिया है और भारतीय रिफाइनरी कंपनियां इस मौके को जाने नहीं देना चाहती हैं।

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