बारिश से स्मार्टसिटी तालाब में तब्दील …..मेयर दे रहे कागज़ की नाव चलाने की सलाह
नवजोत सक्सेना ।।
बरेली ।। तीन दिन से अनवरत हो रही मूसलाधार बारिश से किसान , जनता, व्यापारी व फेरी वालों को अत्याधिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है एवं बारिश ने स्मार्ट सिटी बरेली के विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है। जगह जगह जलभराव व पॉश कॉलोनियों में सड़के तालाब में तब्दील हो चुकी हैं जिसकी वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
कई प्राइवेट व सरकारी कर्मचारी जलभराव की वजह से अपने अपने दफ़्तर तक नहीं पहुंच पा रहे कुछ सड़कों पर तो कमर तक पानी भरा है, लेकिन जो जिम्मेदार हैं व विकास के ख़ाके खींचने के दम भरते हैं वे आराम से अपने ड्राइंग रूम में चाय पकौड़ों का आनंद ले रहे हैं।
हद तो तब हो गयी जब बरेली के मेयर उमेश गौतम ने अपने ऑफिशियल फेसबुक पर वीडियो सन्देश प्रेषित कर लोगों से अपना बचपन याद करने व कागज की नाव चलाने के लिए प्रेरित किया । आपको बता दें बरेली के मेयर उमेश गौतम सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहते हैं व समय समय पर अपने फेसबुक पेज से वीडियो व फोटो अपलोड करते रहते हैं.
वे अपने निरीक्षण , सरकारी दौरों, मीटिंग्स आदि के फोटो साझा करते हुए अक्सर पाए जाते हैं लेकिन हाल ही में जहां एक ओर बारिश के चलते बरेली की जनता जगह जगह जलभराव की समस्याओं से त्रस्त है वहीं शहर के मेयर जिनके कंधों पर शहर के विकास व साफ सफाई का जिम्मा है वे वीडियो के माध्यम से बे मौसम बारिश में कागज की नाव चलाने का संदेश दे रहे हैं जिसकी सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आलोचना की तो कई ने सराहा भी।
लेकिन सवाल ये है कि क्या मेयर अपने वीडियो सन्देश के माध्यम से जिम्मेदारियों से बच रहे हैं या फिर बरेली वासियों को हो रही दिक्कतों से उनका ध्यान भटका रहे हैं । हालांकि सोशल मीडिया पर कुछ लोग वीडियो की सराहना करते हुए इसे एक पॉजिटिव सन्देश के रूप में भी देख रहे हैं।
समस्याओं से त्रस्त जनता ने किए कॉमेंट:-
– किसान आत्महत्या करने की सोच रहा है और आप नाव तैराने की बात कर रहे हैं । हद्द है।- सौरभ सक्सेना
– श्रीमान जी अच्छी बात है कि आप इन्जोए कर रहे हैं वरना किसी के घर में तो चूल्हा भी नहीं जल पा रहा है और किसान जो कि अन्नदाता है इस बरसात ने उनकी पूंजी ही बरवाद कर दी- शिवम सिंह
– आदरणीय मेयर साहब मै आपका बहुत सम्मान करता हूँ और आपका फैन हूँ पर आप इन्जाय कर रहे है अच्छी बात है पर यह बेमौसम बरसात से हमारा अनन्दाता किसान त्राहिमाम है बहुत से लोगो के घरो मे चूल्हा तक नही जल रहा है ।
यह पोस्ट आपकी इस समय ठीक नही !– वीके शर्मा
-हे परमपिता परमेश्वर हमें कागज की नाव नहीं उन मेहनत कश मजदूर किसान भाइयों की फसलों की चिंता है बस उनकी लाज रख- धर्म पाल
-सही कहा आपने ज़िन्दगी जीने के लिये … ज़िन्दादिली ज़रूरी है ! छोटी- छोटी खुशियों से ही बड़ी खुशियाँ बनती हैं !
लेकिन इस बारिश की वजह से हमारे किसान भाईयों का बहुत बड़ा नुक़सान हुआ है … धर्मेंद्र कुमार