महाघोटाला का हुआ पर्दाफाश
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नदीम अहमद पत्रकार हिंदमोर्चा न्यूज चैनल मऊ उत्तर प्रदेश
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महाघोटाला का हुआ पर्दाफाश
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जनपद मऊ के जिलाधिकारी ने गठित की जांच टीम, 15 दिन में देनी है रिपोर्ट
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जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी तथा अधिशासी अभियंता करेंगे इटौराडोरीपुर ग्राम पंचायत में 49 लाख से अधिक वित्तीय घपले की जांच
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घोसी ब्लॉक के इटौराडोरीपुर ग्राम पंचायत में बिना कार्य कराए 49 लाख से अधिक के भुगतान का मामला
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स्कूलों में डेस्क बेंच हैंड पंप रिबोर और ह्यूम पाइप के नाम पर की गई है लाखों की हेरा फेरी
मऊ। विकास खंड के घोसी के इटौराडोरीपुर ग्राम पंचायत में राज्य वित्त एवं पंद्रहवें वित्त से बिना कार्य कराये ही 49 लाख 48 हजार 625 रुपयों का भुगतान करने के मामले को जिलाधिकारी ने काफी गंभीरता से लिया गया है। जिलाधिकारी ने इस प्रकरण की जांच के लिए पहली नवंबर 2023 को जांच टीम का गठन कर दिया है। जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी तथा अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग को जांच कर आख्या 15 दिनों के अंदर जिलाधिकारी को देने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि इटौरा डोरीपुर गांव निवासी नितेश राजभर पुत्र रामनवमी ने जिलाधिकारी को शपथपत्र युक्त प्रार्थना पत्र लिखकर शिकायत किया था कि ग्राम प्रधान अनुपमा देवी द्वारा ग्रामसभा के विभिन्न स्थानों पर बिना कार्य कराये फर्जी बिल व वाउचर पेश कर राज्य वित्त एवं पंद्रहवें वित्त आयोग से लाखों रुपए का फर्जी भुगतान कराया गया है।
शिकायतकर्ता ने लिखा है कि 29 जून 2023 को ग्राम प्रधान द्वारा डस्टबिन खरीद के नाम पर राज्य वित्त से 1,94,400 रुपए निकाले गए। जबकि 29 जून 2023 को ही पंद्रहवें वित्त से 93,500 का भुगतान ले लिया गया। जबकि आरोप है कि ग्राम सभा में किसी भी स्थान पर डस्टबिन तक नहीं रखा गया है ।ग्रामीणों द्वारा खुले में कूड़ा कचरा फेंका जा रहा है।
इसके अलावा दो अक्टूबर 2022 को ग्राम प्रधान द्वारा प्राथमिक विद्यालय में डेस्क के लिए आशा ट्रेडर्स को 2,45,870 रुपए का भुगतान कराया गया है जबकि विद्यालय में ग्राम प्रधान के द्वारा एक भी डेस्क बेंच नहीं लगाया गया है।
चार अक्टूबर 2022 को पुनः ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम सभा के प्राथमिक विद्यालय में डेस्क बेंच भुगतान के मद में साधना ट्रेडर्स को ढाई लाख रुपए का भुगतान कराया गया है।
जबकि विद्यालय में ग्राम प्रधान के कार्यकाल से पूर्व के प्रधान द्वारा डेस्क बेंच लगवाया गया है। इस प्रकार ग्राम प्रधान द्वारा प्राथमिक विद्यालय में पूर्व में लगाए गए डेस्क बेंच को अपने कार्यकाल में लगवाया जाना दिखाकर सरकारी धन का गबन किया गया है। 30 अक्टूबर 2022 को ग्राम प्रधान द्वारा ह्यूम पाइप खरीद पर साधना ट्रेडर्स को 2,32,825 रुपए का भुगतान किया गया है, जबकि इतनी बड़ी धनराशि कि ह्यूम पाइप ग्राम पंचायत की नालियों पर स्थित नहीं हैं।
28 जुलाई 2021 को ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम सभा में हैंड पम्प मरम्मत के नाम पर दो किस्तों में 39,004 रुपए का भुगतान कराया गया है। जबकि ग्राम पंचायत में कहीं भी किसी भी स्थान पर हैंड पम्प की मरम्मत नहीं हुई हैं। ग्राम सभा में अधिकांश हैंडपम्प खराब पड़े हुए हैं।
24 जून 2023 को ग्राम प्रधान द्वारा हैंड पंप मरम्मत के मद में सद्गुरु इंटरप्राइजेज को 35,020 रुपए और 27 जून 2023 को आशा ट्रेडर्स को 50,000 रुपए और 30 सितंबर 2023 को हैंडपम्प रिबोर के नाम पर 63,000 रुपए तथा पुनः उसी दिन 38,300 अजय कुमार सिंह को भुगतान कराया गया है।
जबकि कहीं भी हैंड पम्प मरम्मत नहीं हुई हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार 13 दिसंबर 2021 को लाइटिंग कार्य हेतु दो किस्तों में 1,89,677 रुपए तथा 3,08,7096 रुपए आशा ट्रेडर्स को भुगतान कराया गया है। परंतु ग्रामसभा में एक्का दुक्का स्थान पर स्ट्रीट लाइट लगाकर सरकारी धन का गबन किया गया है। 17 जनवरी 2022 को ग्राम प्रधान द्वारा पंचायत भवन में फर्नीचर एवं कम्प्यूटर खरीद के मद में 20000 रुपए का भुगतान स्वयं लिया गया है जबकि समान्यतः इतनै धनराशि में कम्प्यूटर और फर्नीचर का मूल्य संभव नहीं है ।
खरीद के नाम पर ग्राम प्रधान द्वारा फर्जी आहरण कर धन का गबन किया गया है। तीन जनवरी 2023 को ग्राम प्रधान द्वारा कायाकल्प मैटेरियल के नाम से साधना ट्रेडर्स की 180302 रुपए का भुगतान किया गया है तथा जितेंद्र चौहान 18280 रुपए मजदूरी के रूप में भुगतान विद्यालय के कायाकल्प के मजदूरी के रूप में किया गया है जबकि कोई कायाकल्प नहीं हुआ है। ग्राम प्रधान द्वारा अपने ही नजदीकियों को भुगतान कराकर सरकारी धन का गवन किया गया है।
31 मार्च 2023 को ग्राम प्रधान द्वारा मैटेरियल के भुगतान में 46451 रुपए शिवम ट्रेडर्स कंपनी के नाम से भुगतान कराया गया है व पेमेंट फॉर सामग्री के नाम पर फिर से शिवम ट्रेडर्स कंपनी को सात अप्रैल.2023 को 42580 व पुनः उसी दिन पेमेंट फॉर मैटेरियल के नाम से साधना ट्रेडर्स 97975 रुपए और साधना ट्रेडर्स को 24345 रुपए का भुगतान किया गया है जबकि इन फर्मों से कोई समान क्रय नहीं किया गया है। क्योंकि भुगतान के तिथियों में ग्रामसभा में कोई कार्य नहीं किया गया है।