शवों को कब्रिस्तान में दफन करने के लिए रुस्तमपुर व न्यौरी के ग्रामीणों में विवाद
अम्बेडकरनगर। आलापुर तहसील एवं बसखारी थाना क्षेत्र के रुस्तमपुर गांव में शव दफनाने को लेकर दो ग्राम पंचायतों के लोगों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि कई तहसील के अधिकारियों और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। घंटों चली वार्ता में कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया। लिहाजा शांति व्यवस्था बनाएं रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। न्यौरी गांव के मुस्लिम धर्म से जुड़े गांववासी दशकों से रुस्तमपुर ग्राम पंचायत स्थित कब्रिस्तान में शवों को दफनाते चले आ रहे है। जब न्यौरी गांव से शव जाती है तो बवाल तय हो जाता है। रुस्तमपुर गांव के ग्रामीणों का कहना है कि न्यौरी गांव में कब्रिस्तान की भूमि है। इसके बावजूद वहां का शव यहां दफन करने के बजाय अपने गांव के कब्रिस्तान में दफन करना चाहिए। न्यौरी गांव के लोगों का कहना है कि अपने पूर्वजों के जमाने से वे लोग रुस्तमपुर स्थित कब्रिस्तान में भी शवों को दफन करते चले आ रहे है इनका विरोध नाजायज है।
कैसे बढ़ा विवाद
सोमवार को न्यौरी गांव के ग्रामीण एक मासूम के शव के जनाजे को लेकर रुस्तमपुर के कब्रिस्तान में पहुंचे तो रुस्तमपुर के यादव बस्ती के लोगों ने विवाद खड़ा कर दिया। देखते ही देखते जातीय संघर्ष की नौबत आ गई। सूचना पर कई थाना की पुलिस पहुंच गई और मामला संभाला। दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता के बाद मासूम का शव दफन किया गया और आगामी 23 जनवरी को सभी पक्षों को बुलाया गया है। उम्मीद है कोई निष्कर्ष निकलेगा। दो जातियों के बीच हो रहे विवाद की सूचना मिलते ही उप जिलाधिकारी आलापुर सुभाष सिंह उप जिलाधिकारी टांडा उप जिलाधिकारी जलालपुर पवन जायसवाल, क्षेत्राधिकारी अकबरपुर क्षेत्राधिकारी टांडा के साथ थानाध्यक्ष बसखारी थानाध्यक्ष आलापुर थानाध्यक्ष कटका समेत कई अन्य थानो की फोर्स पहुंच गई। पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया। फिलहाल एहतियातन मौके पर पी ए सी के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।