वेल्डिंग कार्य के दौरान ट्रेन की चपेट में आकर रेल कर्मचारी की दर्दनाक मौत, घटना बाराबंकी-मल्होर स्टेशन के मध्य की
लखनऊ। उत्तर रेलवे के बाराबंकी रेल खंड के आन डियूटी वेल्डिंग कार्य के दौरान एक रेल कर्मी की ट्रेन की चपेट में आ जाने से दर्दनाक मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार बाराबंकी रेल खण्ड में गत शुक्रवार को वेल्डिंग टीम मल्हौर स्टेशन के किलोमीटर संख्या 1084/10-12 में वेल्डिंग कार्य करते हुए। रेलकर्मी सुभाष गौड़ ट्रेन की चपेट में आने से रनओवर हो गया वेल्डिंग टीम कार्य कर रही थी, तभी डाउन लाइन से ट्रेन संख्या 13308 डाउन लगभग सवा ग्यारह बजे सुबह गुजरी जिसकी चपेट में आने से उक्त कर्मचारी की मौत हो गई। अन्य कर्मचारियों ने भी अपनी जान बहुत ही मुश्किल से बचाई है। मृतक रेलकर्मी सुभाष जब तक संभल पाता तब तक वह ट्रेन की चपेट में आ चुका था। जिसको साथी कर्मचारी राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ लेकर गये जहाँ डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कर्मचारियों ने बताया कि यह हादसा रेल अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ है। क्योंकि रेलकर्मियों के लिए जाम झंण्डा लगाने के लिए और सूचना देने के लिए कोई कर्मचारी नहीं दिया गया। जिससे ट्रेन आने की सूचना मिल सकें। इसके अलावा 5ध्6 कर्मचारियों से ही 10 आदमियों के बराबर का कार्य करवाया जा रहा था। जिससे सभी कर्मचारी कार्य के दबाव में थे। जिसके चलते ट्रेन को देख नहीं पाये। जबकि आफिसों में कार्यरत कर्मचारियों का भी लाइन पर कार्यरत कर्मचारियों से ही करवाया जाता है। लगभग 8 से 10 कर्मचारी आफिसों में कार्यरत हैं। उनके हिस्से का कार्य भी रेलवे लाइन पर कार्यरत कर्मचारियों से करवाया जाता है। जिससे कार्य का बोझ बढ़ जाता है। और क्षमता से अधिक काम लिया जाता है। जिसके फलस्वरूप रेल कर्मचारी को अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य करना पड़ता है। साथ ही कर्मचारियों को सुरक्षा से सम्बन्धित कोई भी उपकरण नही दिया जाता है। जो कार्य हो रहा था, वह बिना ब्लॉक के हो रहा था। जो रेल सेफ्टी और कर्मचारियों के जीवन के साथ खिलवाड़ है। इसके साथ ही रेलवे की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है, जैसे इसी तरह का हादसा खतौली उत्तर रेलवे (मुजफ्फरनगर) में हुआ था। खैर ईश्वर ने रेल हादसा तो टाल दिया लेकिन एक रेलकर्मी की मौत को नही टाल सका। जब इसको लेकर कर्मचारियों ने बाराबंकी के वरिष्ठ खण्ड अभियन्ता रेलपथ रामकृष्ण तिवारी को कई बार फोन किया। लेकिन उन्होंने रिसीव नही किया। और दोपहर तीन बजे तक भी अस्पताल में नहीं पहुंचे। बाराबंकी रेलपथ और कर्मचारियों की सुरक्षा भगवान् भरोसे चल रहा है।