Ayodhya

भ्रष्टाचारियों के हवाले अयोध्या कैंट स्टेशन, रेलवे बोर्ड एवं मंत्रालय नहीं ले रहा संज्ञान

 

लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल यानी पूरे विश्व में चर्चित अयोध्या जैसे तीर्थ स्थल जहां पूरे विश्व से तमाम वीआईपी आते हैं दर्शनार्थ हेतु वहीं अब खुलेआम कुछ तथाकथित रेलवे कर्मचारियों ने इस कदर भ्रष्टाचार मचा रखा है कि रेलवे मंत्रालय तक की फजीहत हो रही है और लखनऊ मंडल के अधिकारी यूनियनों के आगे नतमस्तक हो गये हैं चूंकि अधिकारी एवं यूनियन गंठजोड़ भ्रष्टाचार को लेकर कई वर्षों से सक्रिय हैं। सूत्रों के अनुसार अगर अधिकारी कोई कदम भी उठाना चाहें तो नहीं उठा सकते क्योंकि उनका सारा अवैध कमाई का पोल ये यूनियन वाले खोल देंगे तथा हर अधिकारियों के यहां दर्जनों ट्रैकमैन एवं तृतीय श्रेणी के कर्मचारी जी हुजूरी एवं खाना बनाने में तथा आफिस कार्य में लगे हुए हैं। आईए बताते हैं अयोध्या कैंट स्टेशन के कर्मचारियों की कारस्तानी जो क्षेत्रीय होने के नाते काफी दबंग माफिया की श्रेणी में बताये जाते है। रेलवे के एक अधिकृत सूत्र ने एक लिखित शिकायत गोपनीय ढंग से भेजा है बताया कि अयोध्याकैंट स्टेशन पर लोको लाबी वर्चस्व को लेकर दो गुट आमने सामने आ चुके हैं जिससे अब सुरक्षा संरक्षा की अनदेखी हो रही है। गत बीते दिवस 28.3.24 को सौरभ पाण्डेय एलपीपी अयोध्या कैंट (पूर्व सीसीसी अयोध्या कैंट पीरियड 30.9.23 (4) वर्ष इनके कार्यकाल समाप्त होने के पश्चात भी इन्हों ने मुख्य लोकों निरीक्षक को कार्य भार नहीं सौंपा और आरटीआई के तहत मांगी गयी सूचना में इनका चार्ज मेड ओवर तीन सप्ताह तक चला जबकि शेड नोटिस के मुताबिक इनका चार्ज मेड ओवर 26.12.23 से ,24.01.24 तक चला है,इनके द्धारा फरवरी 2022 में इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन का कन्वर्जन कोर्स किया गया है जिसकी हैंडलिंग भी जून 2024 में कर लिया गया था, इसके बावजूद इन्हें विद्युत का रिफ्रेशर कोर्स भी समय से पहले कराये जाने की खबर अपुष्ट सूत्रों से मिल रही है।और विद्युत ट्रेक्शन डयू के नाम पर 8-9 माह में कई बार डिटेन फार प्रशिक्षण रखा गया है, कोई भी प्रशिक्षण के बावजूद इन्हें एलआर नहीं दिया गया क्यों। और डिटेन करके एक भ्रष्ट यूनियन नेता जो मंडल में काफी चर्चित है ( भ्रष्टाचार को लेकर) के दबाव में और इन्हीं के कारण पन्द्रह से अट्ठारह दिनों तक कोई भी कार्य नहीं हो सका। रिजवी एलपीजी एवाईसी अंजनी कुमार,एलपीपी बृजेश जायसवाल एलपीजी, रामप्रकाश एलपीजी अयोध्या कैंट अप्रैल 23 में इन्हीं के लापरवाही के कारण लगभग बीस दिनों तक निम्न स्टाफ को भी डिटेन फार प्रशिक्षण रखना पड़ा था। दिवाकर मिश्र एलपीएम सत्यनाम एलपीएम। अमित तिवारी की अगर कैमरा फुटेज निकाला जाये तो ये समय से नहीं आता डियूटी। इस संबंध में जब सीनियर डीईई (आरएसओ) को अवगत कराया गया तो रटा रटाया जबाव ये कर्मचारी सही है। अंबिका प्रसाद मौर्य एलपीपी अयोध्या कैंट (पूर्व सीसी/अयोध्या कैंट 4 वर्ष सूत्रों के अनुसार यह यूनियन का पदाधिकारी हैं इस लिए इनका सारा गुनाह माफ। जबकि ड्राफ्टेड पीरियड समाप्त के पश्चात भी इनसे लाईन पर डियूटी नहीं करायी गयी जब कि कोई भी कोर्स इनका डियू नहीं है अभी। सूत्रों के अनुसार मंडल आफिस से निर्गत पत्र के अनुसार क्रू कंट्रोलर के कार्य हेतु ड्राफ्टेज किया गया है किन्तु जोनल कार्यालय के निर्देशों के उल्लंघन में इनका भी ट्रैकशन डयू करा दिया गया है।मंडल आफिस के निर्देशों का उल्लघंन कराते हुए इनसे जेडीआई के कार्य में एलपीएस की काउंसलिंग कराई जा रही है जबकि इनका स्वयं विद्युत ट्रेक्शन ओवर डियू है। ज्ञात हो कि इन्हीं यूनियन के तथाकथित नेता कर्मचारियों के लापरवाही से 12226 डाऊन कैफियत एक्सप्रेस का भीषण दुर्घटना होते होते बची है।बहर हाल कुछ भी हों लेकिन जमकर की जा रही पक्षपात अधिकारियों द्वारा बताया तो यहां तक जाता है कि इन सबके पीछे एक नेताजी चर्चित हैं जो खुद घोटाला मामले में अपनी सेवा पुस्तिका या तो गायब कराई है या फिर सेवा पुस्तिका में हेराफेरी कराई हैं क्यों कि नेताजी गलत ढंग से पदोन्नति ले रखी है और एक इंक्रीमेंट अलग से कई वर्षों से ले रखा है गजब का नेता जब खुद फंसता है तो तुरंत जिंदाबाद मुर्दा बाद का नारा लगवाना शुरू कर देता है।

 

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