बेतहाशा बिल से त्रस्त उपभोक्ता जलालपुर विद्युत दफ्तर में लाइन लगाने को मजबूर

- बेतहाशा बिल से त्रस्त उपभोक्ता जलालपुर विद्युत दफ्तर में लाइन लगाने को मजबूर
- सुधार करवाने के बजाय अधिकारी सभी को दे रहे मुकदमा करने की सलाह
उपभोक्ताओं ने बताये कर्मचारियों के तरह-तरह की मनमानी और भ्रष्टाचार की कहानी
जलालपुर,अंबेडकरनगर। एक माह में तीन बार बिजली आ रही है। मीटर में खर्च यूनिट से कई गुना अधिक बिल भेजी जा रही है। बिल संशोधन के लिए उप खंड कार्यालय पहुंच रहे उपभोक्ताओं की समस्या समाधान के बजाय उन्हें मुकदमा दायर करने की सलाह दी जा रही है। जलालपुर बिजली घर पर बिजली बिल सुधारने के लिए पहुंच रहे बिल दर्जनों उपभोक्ताओ का शोषण किया जा रहा है।
प्रतिदिन एसडीओ कक्ष के सामने खड़े उपभोक्ता अपनी बारी का इंतजार करते हुए हिंदमोर्चा संवाददाता से अपनी पीड़ा साझा किया। सुरहूरपुर गांव निवासी अच्छेलाल ने जनवरी तक का बिल जमा किया था। इनकी एवरेज बिल 250 रुपए के करीब आती थी। फरवरी से लेकर मई तक यह बिल 32 हजार रुपए पहुंच गई।
उष्मापुर के टिल्लू की पिछले माह तक बकाया 68 हजार रुपए था। 10 हजार रुपए जमा करने के 20 दिन बाद बिल 60 हजार रुपए आ गई। एक बल्ब और और पंखा की एक माह की बिल 2 हजार रुपए कैसे आ गई कारण तलाशते हुए नजर आए। उष्मापुर देहात के शंकर 12 नवंबर 23 को पूरा बिल जमा किए थे। इनके घर की खपत 30 यूनिट के करीब है। 6 माह की बिल आ गई 10708 रुपए। निजामपुर के राम लोचन की बिल पिछले माह तक जमा है। इनकी बिल 150 रुपए के करीब आती थी इस माह आ गई 691 रुपए।
कचपुरा पिडैला के मनोगी राम का बिल मार्च तक जमा था। 250 रुपए के करीब हर माह बिल आती थी किंतु दो माह की बिल आ गई 13500 रुपए। भुवा अशरफपुर के नवानगर निवासी श्रीराम के घर सात माह पहले मीटर लगाया गया। अभी तक कुल 104 यूनिट बिजली खर्च हुई है बिल आ गई 12 हजार रुपए। सहाजितपुर के देवी प्रसाद शर्मा ने फरवरी माह तक पूरा बिल जमा किया था।
दो माह की बिल आ गई 40 हजार रुपए। नवानगर के संतराम की पिछली माह तक बिल 550 रुपए महीना थी किंतु इस बार बिल आई 8 हजार रुपए। उष्मापुर मोहल्ला की धनवंता का कनेक्शन बरेली मंडल में दिखा रहा है।बीते माह से पता संशोधन के लिए दौड़ रही है। सिकंदरपुर की इसरावती का पिछले माह तक बिल 200 रुपए प्रति माह था।
इस माह का बिल आ गया 8 हजार रुपए। कुलहिया पट्टी गांव के ओंकार शर्मा ने ओटीएस कराया। दिसंबर माह में बिल वैल्यू और जनवरी माह की किस्त जमा किया। माह से तीन चार बार बिल आता है। बिल होना चाहिए 45 हजार आ गया 71 हजार रुपए।रामपुर की इंद्रासनी की यूनिट खर्च है 50 और बिल आई 31 सौ की।
उक्त परेशानी महज कुछ उपभोक्ताओं की है ऐसे सैकड़ो उपभोक्ता धूप में घंटो खड़े होकर एसडीओ मुकेश कुमार और अधिशाषी अभियंता ए.के. शुक्ल को अपनी पीड़ा सुना रहे है बिल दुरुस्त करने की गुहार लगा रहे है। बिल दुरुस्त नहीं किए जाने से इनकी बिल भुगतान लटकी हुई है। यहां मौजूद सभी उपभोक्ताओं ने बताया कि नियम कानून की बात करने पर अदालत में मुकदमा दायर करने का आदेश देकर पिंड छुड़ाया जा रहा है।
बोले अधिशाषी अभियन्ता ए.के. शुक्ल
उक्त के सम्बंध में अधिशाषी अभियन्ता ए. के.
शुक्ल ने कहा कि उपभोक्ता केवल अपनी ही बात कहता है। जिसके बिल दुरुस्त करने लायक है उसके सुधार कराये जाते हैं। जिन उपभोक्ताओं को ऐसी शिकायत है वे प्रार्थना पत्र लेकर मुझसे संपर्क करें।