धागा व्यवसाई को धमकी के मामले में मेडिकल कालेज चौकी दरोगा पर मुकदमा
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मुकदमें की सुनावाई में दोषी पाये जाने पर अदालत ने कार्यवाही का दिया आदेश
अम्बेडकरनगर। न्यायालय ने धागा व्यवसाई द्वारा दाखिल वाद में उपनिरीक्षक के विरुद्ध जान से मारने की, साप्ताहिक अवैध वसूली, पद का दुरूपयोग करते हुए झूठे केस में फसाए जाने की धमकी आदि की धारा में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। प्रकरण कुछ माह पहले अलीगंज थाना के मेडिकल कालेज चौकी प्रभारी जितेन्द्र सिंह का है। अलीगंज थाना क्षेत्र के निवासी अंकित पाण्डेय ने जनपद न्यायालय में वाद दायर कर बताया कि वह मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर के बॉर्डर पर स्थित धागा कताई मिल का निदेशक है। मेडिकल कॉलेज में तैनात चौकी इंचार्ज साप्ताहिक धन वसूली हेतु लगातार धमकी दे रहे थे। धमकी में चौकी इंचार्ज ने कहा कि हर सप्ताह 30000 नहीं दिया तो किसी न किसी मुकदमें में झूठा फंसा कर जीवन बर्बाद कर दूंगा तथा मिल को बंद कर दिया जाएगा। इस मामले की शिकायत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से किया गया। लेकिन पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक के रसूख के नाते उसके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई कोई नहीं की गई। किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होने से दबंग चौकी इंचार्ज सब इस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह अपने गुर्गो को भेज कर धमकाते रहे और चौकी इंचार्ज के आगे नतमस्तक होने अन्यथा की स्थिति में अंजाम भुगतने की धमकी दिया जाने लगा। फिर भी हप्ता देने को तैयार नहीं हुआ तो बीते 28 अक्टूबर 2024 को दोपहर चौकी इंचार्ज अपने हमराहियों के साथ कताई मिल के कार्यालय में पहुंचकर कर्मचारियों को गाली-गलौज देते हुए धमकाने लगे। कहा कि यदि मिल मालिक मांग पूरी नहीं करते हैं तो फर्जी मुकदमें में फंसा कर कंपनी और निदेशक के जीवन को बर्बाद कर दूंगा। चौकी इंचार्ज का सभी करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकारी टांडा से जांच कराया तो चौकी इंचार्ज दोषी मिले। जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। थक हारकर निदेशक ने न्यायालय में वाद दायर किया तब कहीं जाकर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया।