दलाल और भूमाफियाओं के जरिये उपनिबंधक कार्यालय अकबरपुर में चल रहा है स्टाम्प चोरी का खेल

-
मुख्यमंत्री के फरमान को चुनौती दे रहे रजिस्ट्रार व उनके मातहत बाबू,चाय व पान की दुकानों पर चर्चा का बाजार गर्म
अम्बेडकरनगर। उपनिबंधक कार्यालय अकबरपुर दलालों और भूमाफियाओं का अड्डा बन गया है। इन दलालों और भूमाफियाओं पर रजिस्ट्रार और वरिष्ठ बाबू की कृपा बरस रही है। जिसके चलते स्टाम्प चोरी के भी मामले आये दिन आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण अवैध कमाई बताया जा रहा है जब कि सूबे के मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार पर रूख शख्त है।
ज्ञात हो कि सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा विभागों में भ्रष्टाचार और नियमों के विरूद्ध कार्यों में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को आये दिन हिदायतें दी जा रही है। इसके बावजूद उपनिबंधक कार्यालय अकबरपुर के रजिस्ट्रार और उनके मातहत वरिष्ठ लिपिक के लिए कोई मायना नहीं है, खुलेआम अपनी मंशा में दलालों और भूमाफियाओं को संरक्षण देकर कामयाब हो रहे हैं। किसी भी कार्य दिवस में चले जाइए तो वहां परिसर में जमीन क्रेता और विक्रेता के सापेक्ष वहां दलाल व भूमाफियाओं का जमावड़ा देखने को जरूर मिल जायेगा। इन दलालों व भूमाफियाओं द्वारा सदर तहसील में स्थित अकबरपुर नगर पालिका क्षेत्र व ग्रामीण में ऐसे जमीनों की इन्हें तलाश रहती है जो सरकारी हां या गरीबों के नाम की खतौनी हो। इस तरह की जमीनों के स्वामियों से इनके द्वारा तरह-तरह का हथकण्डा अपनाना आमबात हो गयी है। दलालों व भूमाफियाओं द्वारा यदि छः माह का रिकार्ड उठाकर देख लिया जाए तो दर्जनों ऐसे मामले मिलेगें जिनमें जमीन विक्री के समय स्टाम्प की चोरी का मामला आयेगा अथवा गरीबों को गुमराह करके इनके द्वारा उनकी जमीन औने-पौने दाम में बैनामा करवा दिया गया होगा और इस तरह के मामले पुलिस और राजस्व महकमा तक गये हांगे किन्तु इनकी गहरी पैठ के चलते पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया है और अभी भी वे भटकते मिलेगें। स्टाम्प चोरी को लिया जाए तो पिछले माह तीन बेसकीमती जमीनों के मामले में उच्चाधिकारियों को यह शिकायत हुई थी कि आबादी की जमीन को खेती में बैनामा कर दिया गया है और रास्ते को नजरंदाज करते हुए बैनामा किये गये। ऐसे मामले में उच्चाधिकारियों की जांच पर सच्चाई सामने आई और उनमें स्टाम्प चोरी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह तो एक बानगी है रजिस्ट्री दफ्तर परिसर में कार्य दिवस के दौरान दलाल और भूमाफियाओं का जो जमावड़ा रहता है कहीं न कहीं इन्हीं के द्वारा स्टाम्प चोरी जालसाजी को अंजाम दिया जा रहा है और इन सभी पर रजिस्ट्रार व उनके वरिष्ठ लिपिक का संरक्षण बताया जा रहा है जिसका वजह नियम विरूद्ध कार्यों में उन्हें मिलने वाला रिश्वत है। इस तरह के काले कारनामें की चर्चा पुराने तहसील तिराहे के इर्द-गिर्द चाय व पान की दुकानों पर कभी भी लोगों के जुबान से सुना जा सकता है।