Ayodhya

तहसील जलालपुर क्षेत्र में 9 सरकारी अस्पतालों के बावजूद मरीजों का समुचित इलाज संभव नहीं

  • कहीं डॉक्टर तो कहीं सुविधाएं न होने से परेशान हो रहे हैं गंभीर बीमारियों के मरीज

    अंबेडकरनगर। जलालपुर तहसील के नागरिकों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही दर्जनों उपकेंद्र तो संचालित हैं किंतु इन स्वास्थ्य केंद्रों पर साधारण बीमारियो के इलाज के अलावा अन्य कोई इलाज नहीं किया जाता है। सरकारी अस्पतालों में बीमारियों का समुचित इलाज नहीं होने से मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज को जाना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि सरकारी अस्पतालों से निजी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक अधिक योग्य है। किंतु योग्य डाक्टर बीमारियों के इलाज नहीं कर जिले अस्पताल अथवा हायर सेंटर पर रेफर कर पिंड छुड़ा लें है। गौरतलब हो कि तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जलालपुर में डेंटल, महिला और एमबीएमएस डिग्री धारक कुल 5 चिकित्सकों की तैनाती है। यही हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भियांव का है। दोनो अस्पतालों में प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों की जांच और इलाज किए जाता है किंतु गर्भवती महिलाओ का सीजेरियन, हड्डी टूटने और इसे संबंधित ऑपरेशन उक्त दोनो अस्पतालों में नहीं होता है। उक्त रोगों से संबंधित इलाज ऑपरेशन नही होने से इसका लाभ निजी डाक्टरों को मिलता है।

यह हाल है सीएचसी जलालपुर का
यहां अधीक्षक के साथ कुल दो एमबीबीएस की तैनाती है। दांत के उपचार के लिए बीडीएस उपलब्ध है। अधीक्षक डॉ जयप्रकाश बाल रोग विशेषज्ञ है वहीं डॉ सीके यादव और डॉ. वेद प्रकाश एमबीबीएस है। इसी के साथ महिला पुरुष मरीजों के इलाज के लिए डॉ सोनम वर्मा, डा. अजय, डा. विनोद सिंह भी तैनात हैं। इस सीएचसी के अधीन कुल 6 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। इतनी ही नहीं ग्रामीण इलाकों में 40 सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी इलाज कर रहे है।

पूरे तहसील में नहीं है सर्जन की तैनाती
25 बेड के इस अस्पताल के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दर्जनों बेड स्थापित किए गए है। किंतु ये सभी शो पीस बने हुए हैं। प्रसव के साथ ही अन्य कई बीमारियों का ऑपरेशन ही एक मात्र विकल्प होता है। इस तहसील में किसी सर्जन की तैनाती नहीं है। दुर्घटना आदि के साथ गंभीर रूप से इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को यहां भर्ती और इलाज के बजाय जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। तहसील में एमबीबीएस डाक्टर के नाम से दर्जनों अस्पताल पैथोलॉजी एक्सरे अल्ट्रासाउंड की दुकानों का पंजीकरण तो है जबकि ये डॉक्टर कहां रहते है कोई नहीं जानता। इनके स्थान पर अप्रशिक्षित इलाज अथवा रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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