Ayodhya

ट्रैफिक इंस्पेक्टर के नाजायज कमाई का जरिया बने हैं थ्रीव्हीलर और डग्गामार बसें

  • ट्रैफिक इंस्पेक्टर के नाजायज कमाई का जरिया बने हैं थ्रीव्हीलर और डग्गामार बसें
  • इनके द्वारा निजी कार सवार भी आये दिन हो रहे हैं अभद्रता का शिकार
  • ट्रैफिक इंस्पेक्टर व उनके चहेते सिपाहियों के भ्रष्टाचार को लेकर जिला मुख्यालय पर चर्चा

अम्बेडकरनगर। जिला मुख्यालय पर तैनात ट ्रैफिक इंस्पेक्टर और उनके चहेते सिपाहियों कें भ्रष्टाचार एवं अभद्रता को लेकर जहां सवारी वाहन चालक त्रस्त हैं वहीं डग्गामार बसों का संचालन करने वाले मालिकों का हौंसला बुलन्द है जिसे लेकर इन दिनों चर्चा का बाजार गर्म है।
जानकारी के अनुसार मुख्यालय पर मौजूदा ट्रैफिक इंस्पेक्टर द्वार तैनाती के बाद से ही भ्रष्टाचार शुरू हो गया साथ ही संभ्रान्त लोग जिनके पास निजी कारे हैं उन्हे अपमानित होना पड़ रहा है। बताया जाता है कि पुराने तहसील तिराहे से गोशाईगंज,दोस्तपुर चौराहे से मालीपुर,जलालपुर व दोस्तपुर के लिए थ्रीह्वीलर इसके अलावा पहितीपुर,सेमरी,टाण्डा,अकबरपुर विद्युत वितरण खण्ड से टैक्सी स्टैण्ड से टाण्डा,बसखारी आदि मार्गों पर जाने वाले सवारी वाहनों क चालकों से अवैध वसूली इसलिए ट्रैफिक इंस्पेक्टर और उनके चहेते सिपाही कर रहे है कि उनके द्वारा यातायात नियमों की अवहेलना हो रही है। बताया जाता है कि इस कृत्य का मतलब महज नाजायज कमाई है। वहीं आजमगढ़,जलालपुर व टाण्डा मार्गों से आने वाली डग्गामार बसे दिन भर लखनऊ के लिए यात्रियों को सफर करा रही है जिनके द्वारा नो-इंट्री का कोई मायना नहीं है। इस तरह की डग्गामार बसों के नियम विरूद्ध संचालन में अनदेखी के पीछे माहवारी तय होना बताया जा रहा है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर का इस कारनामें के अलावा संभ्रान्त लोगों को अपमानित करना आमबात है। ऐसा ही मामला पुरानी तहसील तिराहे का पिछले दिनों उस समय आया जब एक दैनिक अखबार का पत्रकार अपने निजी कार से रेलवे स्टेशन किसी ट्रेन से यात्रा करने के लिए निकला था। इसी दौरान वहां खड़े ट्रैफिक इंस्पेक्टर और उनके चहेते सिपाही अनावश्यक अबे-तबे करने लगे काफी जद्दोजहद के बाद तब जाकर उनकी कार्यशैली में बदलाव आया। इस मौके पर वहां मौजूद दर्जनों लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब से यहां इस ट्रैफिक इंस्पेक्टर की तैनाती हुई है इनके दिमांग में हमेशा भ्रष्टाचार का भूत सवार रहता है, चारो तरफ उनका जिप्सी वाहन दौड़ में रहता है जिन वाहन चालको को पाये डांट-फटकार शुरू हो जाता है जैसे ही मंशा में कामयाब हुए फिर वहां से वाहन रवाना हो जाता है।

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