जिले के विद्युत विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का खामियाजा भुगतने को मजबूर उपभोक्ता

- जिले के विद्युत विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का खामियाजा भुगतने को मजबूर उपभोक्ता
- बाधित आपूर्ति समेत अन्य समस्याओं में बगैर सुविधा शुल्क दिये किसी के नहीं हो रहे हैं निदान
- सरकार की छवि धूमिल करने में जुटे हैं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से लेकर विभाग के अवर अभियन्ता
अम्बेडकरनगर। जिले के विद्युत विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का खामियाजा उपभोक्ता भुगत रहा है। उपभोक्ताओं द्वारा उच्चाधिकारियों से शिकायतें भी की जा रही है किन्तु किसी के गंभीरता से न लेने के चलते वह काफी हैरान व परेशान होने के लिए मजबूर है। जब कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार दावा भी कर रही है। इसके बावजूद भी इस काले कारनामें पर कोई असर नहीं है।
ज्ञात हो कि सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए निरन्तर विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को हिदायतें दी जा रही है किन्तु उनकी आदतें सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। नजीर के तौर पर देखा जाए तो इस जिले का विद्युत विभाग इन दिनों सुर्खियों में है। अभियंताओं से लेकर उनके कर्मचारी भ्रष्टाचार में आकंठ है।
उपभोक्ताओं की समस्याओं का निदान बगैर सुविधा शुल्क दिये नहीं हो पा रहा है। बाधित विद्युत आपूर्ति को दुरूस्त कराने से लेकर बिल में गड़बड़ी की समस्याओ में उपभोक्ता जेब ढीली करने के लिए मजबूर है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से लेकर दफ्तर में बैठे विभाग के बाबू खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।
इसकी हकीकत देखना है तो किसी दिन वितरण खण्डों अकबरपुर,रामनगर,जलालपुर,टाण्डा आदि पर किसी दिन चल जाइए वहां क्षेत्र से आये उपभोक्ता जिन्हें उनकी समस्याओं के निदान में महीनों से दौड़ाया जा रहा है और सुविधा शुल्क मांग अथवा वे सम्बंधित कर्मचारी को दे चुके हैं, सामने आ जायेगी।
बीते दिनों संवाददाता द्वारा विद्युत वितरण खण्ड अकबरपुर पर पहुंचने पर कई उपभोक्ओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि घरेलू कनेक्शन है और बिल महीने में किसी के 2 तो किसी केेेे 20 हजार तक आने तक की समस्या सुनाया। लोगों ने बताया कि इसके निराकरण के लिए दौड़ते-दौड़ते थक गये हैं और जो कर्मचारियां व अवर अभियन्ताओं ने अपेक्षा किया वह दे भी चुके हैं। फिर भी स्थित जस की तस है।
वहीं कुछ ऐसे उपभोक्ता चक्कर लगाते नजर आये जिन्हें ट्यूबेल के कनेक्शन की जरूरत थी,सभी औपचारिकता पूरा करने के बाद उनके कनेक्शन नहीं हो पा रहे हैं। लोगों ने बताया कि उच्चाधिकारियों और शासन तक शिकायत भी किये हैं जहां से आदेश भी निर्गत किया गया है लेकिन किसी की शेहत पर कोई असर नहीं है। खुलेआम विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला चल रहा है। इससे साफ जाहिर है कि विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी अपने भ्रष्टाचार से सरकार की छवि धूमिल करने में जुटे हुए हैं।