किछौछा दरगाह के कर्बला मैदान में अवैध अतिक्रमण को आखिर कौन बनाना चाहता है मैदान-ए-जंग
- वर्षों से शासकीय संपत्ति पर कौन कर रहा है अवैध वसूली
- कब्रिस्तान को किसने बनाया अश्लीलता, सेक्स प्लेस और अवैध वसूली का अड्डा
- आखिरकार अवैध अतिक्रमण को हटाने में कौन बन रहा रोड़ा व कर रहा खेल
टांडा,अंबेडकरनगर। प्रदेश सरकार जहां एक तरफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करते हुए पूरी तत्परता से आगे बढ़ रही। तो वही सरकार पार्ट-2 में गुंडों, बदमाशों,माफियाओं एवं भू-माफियाओं पर पूरी सरगर्मी से ठिकाने लगाया जा रहा है। यूपी सरकार का आदेश और निर्देश को सराखों पर रखते हुए पूरे प्रदेश में भू-माफियों की कमर इस कदर तोड़ी जा रही है जिससे वह भविष्य में कभी खड़े भी ना हो सके। पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों,तालाबों,भूखंडों, खलिहानों पर हुए स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाकर कार्यवाही की जा रही है। वही नगर पंचायत एसारपुर किछौछा में बीते कई वर्षों से शासकीय भूमि,तालाबों खलियानों पर भू-माफियाओं का अवैध कब्जा है जिसे यूपी सरकार एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए नगर पंचायत अंतर्गत दरगाह में सरकारी भूमि पर हुए स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी एवं चेयरमैन ओमकार गुप्ता ध्वनि प्रदूषण यंत्र का प्रयोग कर प्रचार प्रसार कराया और जब अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रयास किया गया तो कुछ लोगों ने तो हटा लिया किंतु कुछ अराजक तत्वों द्वारा इसका खुला विरोध किया गया। प्रशासनिक कार्य में खलल डाला गया।दूसरे दिन अधिशासी अधिकारी स्वयं जाकर अतिक्रमणकारियों से मिलकर बातचीत किया किंतु फिर भी कुछ अतिक्रमणकारियों एवं भू-माफिया कदाचित हटने को तैयार नहीं बल्कि अपने अडियलपन रवैया को अख्तियार करते हुए माहौल को बिगड़ने का प्रयास कर रहे हैं। अब एड़ी से छोटी का जोर लगा रहे हैं अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन किंतु स्थानीय प्रशासन का रवैया विपरीत रहा। यदि स्थानीय प्रशासन ने सहयोग किया होता तो अतिक्रमणकारियों एवं भूमाफियाओं का मनोबल इस कदर नहीं बढ़ता। इसी बीच थानाध्याक्ष बसखारी द्वारा नगर पंचायत के लिपिक अभिषेक यादव को कार्यवाही की धमकी मिलने से नगर पंचायत के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों में काफी रोष व्याप्त हो गया और तत्काल प्रभाव से बैठक बुलाकर कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया जो अभी भी जारी है। सवाल गंभीर है शासन की भूमि पर बीते कई वर्षों से स्थाई एवं अस्थाई आक्रमण किया गया और इस अतिक्रमण से मोटी कमाई लगातार किया जा रहा है प्रति वर्ष होने वाले उर्स और मोहर्रम के मेले में किराए की कीमत कई गुनी कर दी जाती है। आखिरकार इस वसूली का लाखों रुपए किसकी जेब में जा रहा है और वह कौन-कौन सा गैंग है जो शासकीय भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर दुकान लगवाकर मोटी कमाई करता आ रहा है क्या जिलाधिकारी इस गंभीर प्रकरण में तत्परता दिखाते हुए राजस्व विभाग को चूना लगाने वाले एवं शासकीय की संपत्ति पर अवैध अतिक्रमण व अवैध वसूली करने वालों पर सख्त कानूनी कार्यवाही कराएंगे? सवाल यह भी है कि क्या इन लोगों की आज तक जांच पड़ताल की गई यह कौन लोग हैं कहां से आए हुए हैं। यहां पर किस-किस प्रकार की गतिविधियां चल रही है। सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण पर कर्बला की आंड में अवैध कृत्य एवं अवैध कमाई का कारोबार कई वर्षों से किसके संरक्षण में अंजाम दिया जाता रहा है। पूरे प्रदेश में बड़े से बड़े अतिक्रमण को बुलडोजर से ढहाया जा रहा है सरकारी संपत्तियों को संरक्षित किया जा रहा है। अब सवाल है क्या नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के लिए कोई अलग से किसी नियम कानून है जो सरकारी संपत्ति पर अवैध अतिक्रमण और कब्जे को हटाने का नाम नहीं ले रहे। एसडीएम टांडा, राजस्व अधिकारी तहसीलदार एवं जिलाधिकारी आखिरकार किस घोर निद्रा में सोए हुए हैं। क्या किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं? जिस तरीके से कुछ मात्र अराजक तत्वों द्वारा खुलेआम विरोध कर सामुदायिक रंग देने का काम किया जा रहा है ऐसे में यदि स्थानिक प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन ने अपनी आंखें न खोली तो स्थितियां विकट रूप धारण कर सकती हैं। जबकि वहीं नगर पंचायत के चेयरमैन ओमकार गुप्ता द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं जो कि सोशल मीडिया पर वायरल है। इन मनबढ़ अराजक तत्वों को बल देने वाली शक्तियां और चेहरे कौन हैं? इनका भी बेनकाब होना बेहद जरूरी है। बहुत जल्द हिंदमोर्चा इस प्रकरण का पर्त-द-पर्त करेगा खुलासा और मामले को तूल पकड़ाने एवं सांप्रदायिक रंग देने की फिराक में बैठे षड्यंत्रकारियों का चेहरा करेगा बेनकाब। (शेष खबर अगले अंक में पढ़िए)