कप्तान साहब! बसखारी थानेदार के अड़ियलपन रवैये से धमकी के शिकार नपं कर्मचारियों में भय व्याप्त
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यहां से भाग जाओ नहीं तो इसी कब्रिस्तान में दफन कर दूंगा अवैध अतिक्रमण कारियों ने दी धमकी
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जाति सूचक शब्दों का प्रयोग और भद्दी-भद्दी गालियां देने के मामले में थानेदार को बड़ी घटना के इंतजार की चर्चा
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बसखारी पुलिस की इस कार्य प्रणाली से अशरफपुर किछौछा नगरवासी हो गये हैं त्रस्त फिर भी उच्चाधिकारी मौन
टांडा,अंबेडकरनगर। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा अंतर्गत दरगाह में शासकीय भूमि पर वर्षों से अस्थाई व स्थाई अवैध अतिक्रमण ने पांव पसार रखा है जिसे हटाने के लिए नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा तत्पर नजर आ रही है। शासन एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों-निर्देशों के अनुपालन में किछौछा नगर चेयरमैन ओमकार गुप्ता और अधिशासी अधिकारी अवैध अतिक्रमण अभियान के तहत मुहिम की शुरूआत की। लिपिक अभिषेक यादव ने बताया कि नगर अध्यक्ष ओमकार गुप्ता के आदेशों का अनुपालन करते हुए शासकीय भूमि पर अस्थाई अवैध अतिक्रमण किए गए स्थलों का निरीक्षण करने के लिए दिनेश कुमार पुत्र स्वर्गीय रामसुंदर (अनुसूचित जाति) बृजमोहन कुमार पुत्र सूर्यबली (अनुसूचित जाति) व 2-3 सफाई कर्मचारियों के साथ गया तो निरीक्षण के दौरान पाया कि हीरालाल जायसवाल इंटर कॉलेज के बगल स्थित शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण करने वाले कुछ दुकानदार अपनी-अपनी अस्थाई दुकानें और अस्थाई झोपड़ियां को हटा रहे थे। किसी बीच वहां पर मौजूद कुछ लोग आ धमके और नगर पंचायत के सरकारी कर्मचारियों को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे और जान करने की धमकी भी दे डाली कहा कि चले जाओ यहां से वरना यही कब्र में मारकर दफन दूंगा। लिपि ने बताया कि गैंग बनाकर आए इन लोगों की धमकियों से हम लोग पूरी तरह डर और सहम गए और अपनी जान बचाकर वहां से भाग खड़े हुए। डरे और सहमे लिपिक एवं कर्मचारियों ने स्थानीय थाना बसखारी में पहुंचकर थानाध्यक्ष संत कुमार सिंह को आधा दर्जन से अधिक नामजद एवं 5-10 अज्ञात लोगों के खिलाफ लिखित तहरीर देते हुए घटना से अवगत कराया। 27 जनवरी को लिखित ताहिर देने के बावजूद भी अभी तक बसखारी पुलिस ने किसी भी प्रकार की कोई जहमत उठाना उचित नहीं समझा। हैरानी की बात है कि नामजद तहरीर देने के बावजूद भी पुलिस ने अभी मामला दर्ज तक नहीं किया। मानो कि हम सरकारी कर्मचारी का कोई वजूद ही न हो हम जिये या मरे बसखारी थानेदार को इससे कोई मतलब नहीं। ऐसे लोगों पर कार्यवाही न होने की दशा में तत्काल प्रभाव से बैठक बुलाकर निर्णय लिया गया कि यदि बसखारी पुलिस इन लोगां पर कार्यवाही नहीं करती है। तो कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। तब से लेकर आज 31 जनवरी तक बसखारी थानध्यक्ष ने न जाने क्यों इन लोगों पर कार्यवाही करने से पीछे हट रहे है। थानेदार के इस अड़ियलपन और घटिया रवैया के कारण किछौछा नगर पंचायत की पूरी जनता दुर्गंध युक्त हवा, गंदगी के अंबार और अंधेरे में जीवन जीने के लिए बेबस और लाचार नजर आ रही है। पूरे नगर में गंदगी और दुर्गंध एवं अंधेरे को लेकर त्राहि-त्राहि मचा हुआ है लेकिन इस बात से न ही बसखारी थानेदार को कोई मतलब नजर आ रहा है और न ही उच्चाधिकारी इस बात का संज्ञान ले रहे हैं जबकि देश में एक बार फिर से खतरनाक वायरस के आने की पुष्टि हो चुकी है ऐसे में किछौछा नगर में स्वच्छता जैसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है बल्कि चारों तरफ सड़कों से लेकर गलियों तक सिर्फ गंदगियों के अंबर दुर्गंध युक्त हवा और रात में अंधेरे के साए में जिंदगी को गुजरने को मजबूर हैं। आशंका जताया जा रहा है कि यदि यही हालात रही तो नगर में महामारी जैसी बीमारी उत्पन्न होने की प्रबल संभावना बन सकती है। सवाल गंभीर है कि आखिरकार बसखारी थानेदार की अराजक तत्वों से कैसी यारी है बसखारी थानेदार आखिरकार क्यों प्रदेश सरकार और सुप्रीम कोर्ट के अवैध अतिक्रमण मुक्त अभियान को ठेंगा दिखाता नजर आ रहा है। क्या शासकीय भूमि अवैध अतिक्रमण से मुक्त होने से बसखारी थानेदार का कोई नुकसान है? यह बात नगर वासियों के दिलों दिमाग को कौंध रही है। यदि बसखारी पुलिस अपने कर्तव्य और निष्ठा का पालन करते हुए नगरवासियो के सुरक्षा दृष्टि से वर्दी का सम्मान रखते हुए कार्यवाही को गतिमान करते तो आज नगर पंचायत का यह हालत न बनती और नगर वासियों को भय के साए में जीने के लिए मजबूर न होना पड़ता।