एडेड विद्यालय सुरहुरपुर के जमीन की जांच में सरकारी खाते में निर्माणाधीन कार्य को टीम ने रोकवाया

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अलंकार योजना से मिले 79 लाख की धनराशि से प्रबंधक द्वारा करवाया जा रहा था भवन निर्माण
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जांच में सरकारी खाते की जमीन का आया मामला, अधिकारियों को भेजी जा रही है रिर्पोट-तहसीलदार
(अनिल पाण्डेय)
लखनऊ/अम्बेडकरनगर। यूपी के अम्बेडकरनगर जिले के शिक्षा क्षेत्र जलालपुर अन्तर्गत संचालित एडेड विद्यालय जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज खतौनी से इतर सरकारी भूमि में निर्माण होने का मामला आया है। इसी भूमि पर अधिकारियों को गुमराह कर प्रबंधक द्वारा 79 लाख रूपये अलंकार योजना से बजट भी शासन स्तर से लेकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसका खुलासा एक शिकायत कर्ता द्वारा भेजे पत्र की जांच के बाद सच्चाई उभरकर सामने आयी है।
ज्ञात हो कि शासन द्वारा प्राचीन एडेड विद्यालयों जिनके भवन जर्जर हो गये हैं और छात्रों के बैठने आदि की व्यवस्था बेहतर नहीं है। ऐसे विद्यालयों को अलंकार योजना के अन्तर्गत चयनित करके जीर्णोद्धार की धनराशि मुहैया कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में उक्त जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर को भी चयनित किया गया है किन्तु संस्था प्रबंधक द्वारा इस धनराशि से भवन निर्माण मान्यता के दौरान की भूमि में न कराकर सरकारी खाते की जमीन में कराया जा रहा है। इसका खुलासा उस समय हुआ जब एक शिकायत कर्ता ने पीजी पोर्टल जो भारत सरकार ने व्यवस्था दी है, पर शिकायत कर्ता ने पत्र भेजकर अवगत कराया और उसकी जांच जलालपुर तहसील प्रशासन को सौंपी गयी जैसे ही राजस्व टीम विद्यालय के निर्माणाधीन स्थल पर पहुंची और राजस्व अभिलेख के अनुसार कागजात खंगाला तो वास्तिवकता सामने आ गयी। हमारे अम्बेडकरनगर संवाददाता ने तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से इसकी जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि सरकारी भूमि पर प्रबंधक द्वारा अलंकार योजना की धनराशि से विद्यालय का निर्माण कराते हुए पाया गया। ऐसी दशा में निर्माण कार्य पर रोक लगवा दी गयी है और उच्चाधिकारियों को इसकी रिर्पोट भी प्रेषित की जा रही है जैसा दिशा-निर्देश मिलेगा कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। अलंकार योजना से आवंटित बजट के सापेक्ष विद्यालय भवन निर्माण के लिए लगभग 50 लाख रूपये अभी तक मिले हैं इन सब की रिर्पोट भी भेजी जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस विद्यालय के प्रबंधक द्वारा खेल मैदान,परिषदीय विद्यालय सहित अन्य भूमि जो राजस्व अभिलेख में सरकारी खाते की है को पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। इस तरह के मामले को अब तक के जितने भी लेखपाल यहां समय-समय पर तैनात हुए उनके द्वारा दायित्व निर्वहन न कर सरकारी जमीनों पर कब्जे में छूट दी जाती रही जिसका नतीजा है कि अवैध कब्जेदार प्रबंधक भूमाफिया का हौसला बुलन्द है। (अगले अंकों में पढ़ते रहिये)