Ayodhya

NR मंडलः प्रतापगढ़ स्टेशन का फिर आया मामला,चर्चित टेंडर के कथित सुपरवाइजर पर दर्ज हैं कई मुकदमा

 

लखनऊ। उत्तर रेलवे का प्रतापगढ़ एक ऐसा स्टेशन है जो सदैव सुर्खियों में बना रहता चाहे रिश्वतखोरी का हो या घोटाला का। प्राप्त विवरण के अनुसार प्रतापगढ स्टेशन एक बार फिर तथाकथित मंडल के रेलवे अधिकारियों की मिली भगत से आम जनमानस में चर्चा का विषय बन गया है लेकिन मंडल के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं आखिर क्यों क्या है राज। प्रतापगढ स्टेशन पर एक चर्चित टेंडर हुआ है जो किंग सिक्योरिटी के नाम से चल रहा है जिसमें बगल अंबेडकरनगर का निवासी उमेश तिवारी सुपरवाइजर के पर कार्यरत है जो अपराधी किस्म का बताया जाता है और इसके गृह जनपद में भी आपराधिक मुकदमा विचाराधीन है और सुल्तानपुर जनपद में भी इसके विरुद्ध मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है। रेलवे के अधिकृत सूत्र ने बताया कि यह तथाकथित सुपरवाइजर के सारे तथ्यों को नजरंदाज करके मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार द्बारा उमेश तिवारी को डियूटी पर रखा गया है जब कि रेलवे में यह नियम है कि जो भी कार्य करेगा उसका चरित्र प्रमाण पत्र अच्छा होना चाहिए लेकिन चर्चित स्वास्थ्य निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार प्रतापगढ द्बारा कभी भी चरित्र प्रमाण पत्र नहीं मांगा जाता। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि इसके एवज में उक्त सीएचआई एक मोटी रकम वसूल करता है जबकि प्रायः देखा जाता है कि उमेश तिवारी दिन भर शराब के नशे में धुत होकर स्टेशन पर अपुष्ट खबरों के आधार पर महिला सफाई कर्मचारियों के साथ अभद्रता भी करने से बाज नहीं आता।इसके अलावा इसने उक्त मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के इशारे पर एक रेलवे आवास पर भी कब्जा कर रखा है।ये वही सीएचआई है जो अपने पैतृक मकान से आता जाता है लेकिन सुविधा रेलवे की सारी लेता है। सूत्रों के अनुसार ये कोई नया मामला प्रतापगढ का नहीं है इसके पहले भी तमाम घटनाएं हो चुकी है। इसी प्रतापगढ का एक स्टेशन मास्टर वर्षों पूर्व मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ अभद्रता भी कर चुका है और इसी स्टेशन पर विजिलेंस ने कई रेलवे कर्मचारियों को रंगें हाथों पकड़ भी चुकी है।

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