NR मंडलः प्रयाग एडीईएन आफिस में सिर चढ़ बोल रहा भ्रष्टाचार, कर्मचारियों के वरिष्ठता सूची में धांधली का मामला
लखनऊ। उत्तर रेलवे मंडल भ्रष्टाचार को लेकर सदैव चर्चा में बना रहता है तथा यूनियन के नेताओं के आगे नतमस्तक हो चुके हैं रेलवे के संबंधित विभाग के अधिकारी चाहे लखनऊ मुख्यालय हो या अयोध्या कैंट, प्रयाग भ्रष्टाचार में कोई किसी से कम नहीं है सबसे चर्चित मामला मंडल आफिस का है जिसमें इंजीनियरिंग विभाग का ही एक यूनियन का पदाधिकारी ने अपनी काली करतूतों को छिपाने के लिए संबंधित ओएस कार्मिक विभाग को प्रलोभन देकर वर्षों पूर्व अपनी असली सेवा पुस्तिका को ही गायब करवा दिया क्योंकि ये तथा कथित नेता अवैध ढंग से पदोन्नति ले लिया है गैर कानूनी ढंग से लाखों का लगाया चूना रेलवे विभाग को और अब वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी जो तेज तर्रार ईमानदार है ने कसा शिकंजा तो उक्त अधिकारी का तबादला करवाने के लिए रेलवे के एक तथा कथित अधिकारी एवं सत्तापक्ष प्रदेश स्तर के एक कैबिनेट तथाकथित मंत्री के पास दौड़ लगानी शुरू कर दिया है जैसा कि रेलवे का ही एक अधिकृत सूत्र ने बताया , सक्रिय हो गया है यह चर्चा उस समय चरितार्थ हो गयी जब इसके परिचालन विभाग रायबरेली में जिम्मेदार पद पर तैनात है खुलेआम धमकी दे रहा है कि अगर जो कर्मचारी इसकी शिकायत मीडिया या अधिकारी को देगा उसका तबादला इन्टर डिवीजन करवा दिया जायेगा। वहीं अब एक ताजा मामला प्रयाग स्टेशन एडीईएन आफिस का आया है जहां खुलेआम रेलवे बोर्ड के नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है मंडल रेल प्रबंधक को भेजे गये इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों द्वारा एक शिकायती पत्र में गंभीर आरोप लगाया गया है जिसमें सहायक मंडल इंजीनियर प्रयाग के तहत सीनियर सेक्शन इंजीनियर पीवे ऊंचाहार के मेट की चयन वरिष्ठता सूची में पैसे लेकर वरिष्ठता सूची में जगह देने का मामला संज्ञान में लाया गया है एवं जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गयी है प्रयाग एडीईएन के अधीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर पीवे ऊंचाहार के कर्मचारी मंशाराम का नाम वरिष्ठता सूची में संबंधित अधिकारियों की मिली भगत से वरिष्ठता का अनुचित लाभ दिया गया है। शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया कि सर्व प्रथम मंशाराम कीमैंन की नियुक्ति करके जनवरी 2018 में कीमैंन के पद पर अरखा स्टेशन भेजा गया था लेकिन उक्त कीमैंन ने ज्वाईन नहीं किया,छह-छह महीने इन्होंने मेडिकल एक्सटेंशन लिया मां बाप का स्वास्थ्य खराब का कारण दिखाया लेकिन इन्होंने मेडिकल एक्सटेंशन में रेल प्रशासन को गुमराह विगत डेढ वर्ष से करता रहा एवं इसी दौरान इसने नियमित गेट पर डियूटी भी किया जिसका रिकॉर्ड आफिस में देखा जा सकता है और पुराना चयन पैनल निरस्त कर दिया गया। भुक्तभोगी ने आरोप लगाया कि लगभग दो वर्ष बाद पुनः कीमैंन चयन प्रक्रिया में सम्मिलित होकर 17.1.2020 में कीमैंन पद पर लक्ष्मणपुर स्टेशन पर नियुक्त हुआ जिससे उक्त वरिष्ठता सूची में कर्मचारी मंशाराम का नाम लगभग पांच कर्मचारियों के बाद होना चाहिए था किंतु कार्यालय का सीनियर सेक्शन इंजीनियर पीवे ऊंचाहार और वहां के संबंधित लिपिक को सुविधा शुल्क देकर मंशाराम ने अपना नाम पांच कर्मचारियों से ऊपर करवा लिया कर्मचारियों में सीनियर सेक्शन इंजीनियर पीवे ऊंचाहार और कार्यालय अधीक्षक को सूचित भी किया लेकिन सीनियर सेक्शन इंजीनियर पीवे ऊंचाहार और संबंधित बाबू ने कहा जहां शिकायत करनी है करो कोई बिगाड़ नहीं सकता। अतः शिकायतकर्ता ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि वरिष्ठता सूची में संबंधित अधिकारी एवं बाबू द्बारा मोटी रकम लेकर कर्मचारी मंशाराम का नाम सूची में ऊपर कर दिया गया और पांचों कर्मचारियों के वरिष्ठता सूची में हीलाहवाली की जा रही है। भुक्तभोगी ने बताया कि कर्मचारी मेट चयन प्रक्रिया में पहले काउंट होगा जिससे चार कर्मचारियों का शोषण हो रहा है मामले की जांच कराकर संबंधित अधिकारियों एवं बाबू के खिलाफ विभागीय जांच करवायी जाए जिसमें संबंधित कुछ आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध है बाकी सारे कागजों की प्रतिलिपि और आफिस से मंगवा सकते हैं। विश्वसत्र सूत्रों की मानें तो इस सब खेल के पीछे विभाग का एक नेता की भूमिका अहम बतायी जा रही है जिसने अपनी सेवा पुस्तिका में खुद हेराफेरी करवा रखी है क्यों कि कार्मिक विभाग उनका रिकवरी करने के लिए निर्देश भी दे चुका है।