33 साल बाद कटेहरी में खिला कमल,सपा प्रत्याशी के सांसद पति का इमोशनल ड्रामा फेल
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चुनाव प्रभारी डॉ. धर्मेन्द्र सिंह की मेहनत लायी रंग, भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल
अम्बेडकरनगर। 33 साल बाद भारतीय जनता पार्टी कटेहरी विधानसभा में विजय हासिल करते हुए समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता राष्ट्रीय महासचिव कई बार शासन में मंत्री रह चुके लालजी वर्मा की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को 34 हजार से अधिक मतों से चुनाव हराकर पूर्व मंत्री धर्मराज निषाद ने सूखा और बंजर भूमि का हरा भरा कर दिया है। बहुत दिनों के बाद बहुजन समाज पार्टी ने उपचुनाव लड़ाया था उनके प्रत्याशी अमित वर्मा जो पूर्व में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे लेकिन कोई खास प्रभाव चुनाव में नहीं दिखा पाए उन्हें मात्र 41 हजार 6 सौ 47 मतों पर संतोष करना पड़ा जब कि सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा 69 हजार 5 सौ 77 मत पाकर भाजपा प्रत्याशी से लगभग 34 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गयीं। जानकारों का कहना है कि लालजी वर्मा कभी भी चुनाव जनता नहीं बल्कि तिकड़म से जीतते रहे चाहे जिस भी तरह से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी अपने मन माफिक उतरवाकर उपचुनाव को इमोशनल ड्रामे के माध्यम से जीत जाया करते थे लेकिन इस बार बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेन्द्र सिंह को कटेहरी का प्रभारी बनाया गया जिन्होंने विगत तीन माह में यहां के संगठन और कार्यकर्ताओं में असीमित उर्जा आंकलन करते हुए सही प्रत्याशी का चयन किया जिसके साथ सभी कार्यकर्ता तनमयता के साथ जुड़कर भारतीय जनता पार्टी की नैया का पार लगाकर लालजी वर्मा का अजेय होने का मिथक तोड़ दिया। लोकसभा के चुनाव में विगत दो माह पहले से ही लालजी वर्मा क्षेत्र में यह कहते हुए सुने जाते थे बीजेपी का चुनाव रितेश पाण्डेय लड़ेगें जो सत्य साबित हुआ। साथ ही साथ प्रशासन पर आरोप लगाकर प्रोपगण्डा फैलाकर लालजी वर्मा ने लोकसभा का चुनाव बहुत ही आसानी से जीत लिया था लेकिन इस चुनाव में डॉ. धर्मेन्द्र की मजबूत किले बंदी के कारण उनके प्रत्येक साजिश का मुह तोड़ और सटीक जवाब देकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चल रही हवा को चुनाव आते-आते बवन्डर में बदल दिया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री का भरोसा कार्यकर्ताओं का जोश चुनाव प्रभारी डॉ. धर्मेन्द्र की मजबूत किलेबंदी और जनता का परिवारवाद, पूंजीवाद बनाम अन्त्योदय को आत्मसात करने के कारण समाजवादी पार्टी को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा। कहने के लिए सपा प्रत्याशी प्रशासन पर बहुत कुछ आरोप लगाये लेकिन जिस रूप से मुश्लिम मतदाताओं ने मजबूती के साथ चुनाव को लड़ा उससे यह साफ जाहिर है कि प्रशासन द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी रवैया अख्तियार किया गया था जिस पर जनता ने अपनी मोहर लगा दी। सब मिलाकर अगर यह कहा जाए कि इस चुनाव में जीत का मुख्य श्रेय पार्टी द्वारा प्रत्याशी के चयन और समय-समय पर सपा द्वारा किये जा रहे साजिश का पर्दाफाश बीजेपी के जीत का मुख्य कारण रहा। वहीं सांसद लालजी वर्मा की जिद्द ही समाजवार्दी और शोभावती के हार का मुख्य कारण बना। जैसा कि जन-जन द्वारा गली से लेकर चौराहों पर चर्चा किया जा रहा है। जीत के बाद कार्यालय से लेकर पूरे कटेहरी विधानसभा सहित जनपद मुख्यालय पर हर जगह जीत का जश्न मनाया जा रहा है।