Ayodhya

सरकारी खाते में संचालित जनता उमा. विद्यालय सुरहुरपुर के अवैध कब्जा मामले में बेदखली की कार्यवाही

  • एसडीएम ने समूचे विद्यालय की भूमि को खंगलवाने में राजस्व टीम को दिये निर्देश

  • प्रशासन की कार्यवाही से इर्द-गिर्द बाजारों में स्थित चाय व पान की दुकानों पर चर्चा का बाजार गर्म

(अनिल पाण्डेय)
लखनऊ/अम्बेडकरनगर। यूपी के अम्बेडकरनगर जिले के शिक्षा क्षेत्र जलालपुर क्षेत्र में संचालित एडेड जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर के भूमि व भवन सम्बंधी शिकायत की जांच शुरू हो गयी है। राजस्व अधिकारियों की टीम के पैमाइश दौरान समूचा विद्यालय सरकारी खाते व चकमार्ग में निर्माण होना उजागर हो गया है जिसके लिए एक गाटे पर बेदखली की कार्यवाही की गयी है और अन्य पर प्रक्रिया चल रही है।
ज्ञात हो कि पखवारा भर पूर्व उक्त विद्यालय के भूमि व भवन जहां स्थित है उसके सम्बंध में एक अधिवक्ता ने पीजी पोर्टल पर गाटा संख्या-686(क) के बारे में यह शिकायत किया था कि यह ग्राम समाज की भूमि है जो जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर के कब्जे में है। इसकी जांच उपजिलाधिकारी जलालपुर को उच्चाधिकारियों के माध्यम से सौंपी गयी। इसके बाद विद्यालय स्थल पर पिछले शनिवार को पहुंचे राजस्व अधिकारियों ने पैमाइश की तो शिकायत की सच्चाई सामने आई और इसकी रिर्पोट भी एसडीएम को उपलब्ध कराया। शिकायतकर्ता से एसडीएम द्वारा बात की गयी तो उन्होंने अवगत कराया कि यह तो एक ही गाटा का मामला है इसके द्वारा संस्था प्रबंधक ने गाटा संख्या-686(ख) जो जूनियर हाईस्कूल के नाम दर्ज है और यह आबादी की भूमि है। गाटा संख्या-683 बंजर खाते में अंकित है,गाटा संख्या-686 बंजर भूमि है,गाटा संख्या-687 परिषदीय जूनियर हाईस्कूल के नाम है। गाटा संख्या-684 व 685 यह दोनों रास्ता है जो अभिलेख में दिखाई पड़ रहा है। सभी पर विद्यालय संचालित हो रहा है। इस वार्ता के पश्चात उपजिलाधिकारी ने संचालित विद्यालय के भूमि और भवन की जमीन को खंगलवाना शुरू कर दिया है और 686(क) जो विद्यालय के अवैध कब्जे में है, पर बेदखली की कार्यवाही कर दी गयी है। इस मामले में अम्बेडकरनगर के संवाददाता के अनुसार जिन्होंने उपजिलाधिकारी से वार्ता किया तो उन्हें यह बताया गया कि शासन की मंशा है कि जो भी सरकारी जमीनें है उन पर चाहे वह कितना भी प्रभावशाली भूमाफिया हो बक्शा नहीं जायेगा। जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की भूमि को लेकर उनके द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक से बात की गयी उन्हें यह बताया गया कि अलंकार योजना से इसे बजट मिला है किन्तु यह जानकारी नहीं थी कि इस धनराशि से निर्माण सरकारी जमीन पर हो रहा है। मामले में कार्यवाही की जायेगी। सरकारी जमीन में संचालित इस विद्यालय की जांच के बाद आस-पास के बाजारों में स्थित चाय व पान की दुकानों पर वहीं चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि यह योगी सरकार है सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों पर बुल्डोजर चलवाने में अधिकारी तनिक भी देर नहीं करते लगता है अब इस विद्यालय में भी कभी न कभी बुल्डोजर जरूर गरजेगा और सरकारी खाते की जमीन में अवैध निर्माण व कब्जा भी ढहने से इंकार नहीं किया जा सकता। ( अगले अंक में और पढ़िये )

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