सड़कों के किनारे बड़े व्यवसाई अतिक्रमणकारियों पर प्रशासन मेहरबान, छोटे कार्यवाही का शिकार

अंबेडकरनगर। जिला और तहसील प्रशासन द्वारा सड़कों के किनारे किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने में लापरवाही बरती जा रही है। छोटे मोटे दुकानदारों को हटाकर जहां खानापूर्ति की जा रही है वहीं बड़े अवैध कब्जेदारों पर कृपा बरस रही है। प्रकरण पुरानी तहसील के पोस्टमार्टम मार्ग का है। गौरतलब है कि पुरानी तहसील से पोस्टमार्टम हाउस तक बेहतर आवागमन के लिए के लिए डबल मार्ग का निर्माण किया गया है।इसी मार्ग पर अकबरपुर क्षेत्राधिकारी कार्यालय, गायत्री माता मंदिर पोस्टमार्टम हाउस तक सैकड़ों वाहन दिन भर आते जाते रहते हैं।इस मार्ग स्थित होटल स्वप्निल मालिक द्वारा सड़क के किनारे पेड़ गमला गेट लगवाकर अवैध रूप से अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहा है। जिसके कारण उस रास्ते से आने जाने वाले लोगों को रास्ता बदलकर आना जाना पड़ता है।इतना ही नहीं नदी के किनारे 100 मीटर दायरे में होटल का निर्माण कर एनजीटी के मानकों की अनदेखी की जा रही है। स्थानीय प्रशासन मौन बना हुआ है। जिसको लेकर स्थानीय सामाजिक संस्थाओं ने प्रशासन से शिकायत कर स्वप्निल होटल मालिक द्वारा लगातार किए जा रहे अतिक्रमण को हटाने और कार्यवाही करने की कई बार मांग की है लेकिन प्रशासन के ढुलमुल रवैए के कारण स्वप्निल होटल मालिक द्वारा अतिक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है।बड़ा सवाल यह है कि 100 मीटर के दायरे में नगर पालिका के द्वारा कैसे नक्शा पास किया जा रहा है और नक्शा पास नही किया गया है तो फिर कैसे इतना बड़ा बिल्डिंग होटल बनकर खड़ा हो जा रहा है शासन प्रशासन के आंखों के सामने इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।फायर ब्रिगेड की गाड़ियां इसी रास्ते से पानी भरने आती जाती है इसी रास्ते से आग लगने के समय दमकल पानी लेने आता है। होटल मालिक के द्वारा एक तरफ का रोड अतिक्रमण करके स्थाई रूप से कब्जा कर लिया गया। सड़क पर पेड़, गमला, आदि लगाया गया है जो जिम्मेदारों को नहीं दिखाई देता।
बोली अधिशासी अधिकारी अकबरपुर
उक्त के संबंध में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद अकबरपुर ने बताया कि जांच के उपरांत कार्यवाही की जाएगी और सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण हटवाकर बाधित मार्ग को सुचारु कराया जाएगा ।
यह बोले उपजिलाधिकारी सदर
उपजिलाधिकारी अकबरपुर ने बताया कि 2 दिन पहले ही क्षेत्राधिकारी द्वारा सख््त निर्देश देते हुए रोड पर खड़े वाहन को हटवाया गया था।फिर सीओ साहब को बोलता हूं । बताया कि अतिक्रमण का मामला संज्ञान में नहीं था अब में आया है रोड पर किए गए अतिक्रमण को हटवाया जाएगा।
यह है एनजीटी का नियम
नदी से 100 मीटर के दायरे में नहीं बन सकते मकान छळज् के नियमों की बात करें तो नदी की बीच धारा से 100-100 मीटर के दायरे में मकान नहीं बनाए जा सकते हैं। ये नदी का डूब क्षेत्र माना जाता है।