विश्व टीबी दिवस पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में निक्षय पोषण पोटली का वितरण

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टीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम, मरीजों को उचित पोषण एवं जागरूकता का संदेश
टांडा,अम्बेडकरनगर। विश्व टीबी दिवस के अवसर पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक विशेष जागरूकता एवं सेवा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी (क्षय रोग) से ग्रसित मरीजों को पोषण पोटली वितरित की गई। इस पहल का उद्देश्य मरीजों को संतुलित आहार प्रदान कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने में सहायता करना और समाज में टीबी उन्मूलन के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. आभास कुमार सिंह ने की। उनके साथ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मुकुल सक्सेना, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित कुमार गुप्ता, नोडल अधिकारी डॉ. आतिफ जी सहित 15 वरिष्ठ चिकित्सकों ने सहभागिता की। उन्होंने मरीजों को निक्षय पोषण पोटली प्रदान करते हुए उन्हें संतुलित आहार, नियमित दवा सेवन और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व की जानकारी दी।
नुक्कड़ नाटक से जागरूकता की अनूठी पहल
इससे पहले महामाया राजकीय नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें टीबी के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार की जानकारी रोचक एवं प्रभावशाली तरीके से दी गई। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि टीबी एक संक्रामक रोग होते हुए भी पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, बशर्ते कि इसका सही समय पर और पूरा उपचार किया जाए।
समुदाय की भागीदारी से होगा टीबी मुक्त भारत का सपना साकार
कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने टीबी उन्मूलन में सामुदायिक सहयोग की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि मरीजों को उचित पोषण, मानसिक संबल और सामाजिक सहयोग प्रदान करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यदि समाज मिलकर प्रयास करे तो टीबी जैसी बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
टीबी उन्मूलन में एक महत्वपूर्ण प्रयास
चिकित्सा अधिकारियों ने निक्षय पोषण योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल न केवल मरीजों को पोषण उपलब्ध कराकर उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगी, बल्कि उनके संपूर्ण उपचार को भी प्रभावी बनाएगी। सही आहार और दवा के नियमित सेवन से टीबी मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं, जिससे इस रोग के प्रसार को रोका जा सकता है।
टीबी उन्मूलन के लिए मिलकर करना होगा प्रयास
कार्यक्रम के अंत में सभी चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों ने समाज से टीबी उन्मूलन में सक्रिय सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार, समाज और स्वास्थ्य विभाग के सामूहिक प्रयासों से ही हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। यह कार्यक्रम टीबी मरीजों के लिए आशा की एक नई किरण साबित हुआ और इससे जुड़ी सभी संस्थाओं ने इसे एक प्रभावी एवं सराहनीय पहल बताया। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रवीण गुप्ता द्वारा किया गया। उनके प्रभावी संचालन से कार्यक्रम की संपूर्ण गतिविधियाँ सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हुईं, जिससे उपस्थित लोगों को इस जागरूकता अभियान का अधिकतम लाभ प्राप्त हुआ। इस अवसर पर डॉ प्रिया सिंह, डॉ शिव रतन, डॉ शशिकांत, डॉ अविनाश कुमार, डॉ अतुल कुमार, डॉ नीरज कुमार, डॉ मो रजा, डॉ अमन कुमार, डॉ फहद खान, डॉ राम निवास सहित जेठ-चेस्ट विभाग से सुमन शर्मा, प्रीति सिंह, अरविंद भास्कर, सौरभ, कबूतरा आदि उपस्थित रहे।