विवेकानन्द शिश कुन्ज सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल में मनाया गया वीर बाल दिवस
अम्बेडकरनगर। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित विवेकानन्द शिशु कुञ्ज सीनियर सेकेंड्री स्कूल एनटीपीसी टांडा में दस सिख गुरुओं में से अंतिम गुरु गुरु गोविन्द सिंह के पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की पुण्य स्मृति में ’वीर बाल दिवस मनाया गया जिसमें आचार्य हरिदेव शुक्ला जी ने भैया बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी तथा कहा था कि दशकों पहले हुई एक पुरानी भूल को अब नया भारत सुधार रहा है। इन साहिबजादों द्वारा दिए गए इतने बड़े बलिदान और त्याग को भुला दिया गया, लेकिन अब इस भूल को सुधारते हुए अपना जीवन न्योछावर करने वाले इन शहीदों की इतनी बड़ी शौर्यगाथा पर हर साल 26 दिसंबर का दिन वीर बाल दिवस मनाया जाता रहेगा। कक्षा अष्टम क की बहन दिव्या एवं स्नेहा पांडेय ने वीर बाल दिवस पर अपने विचार व्यक्त किये। बहनों ने बताया कि जब आनंदपुर छोड़ते समय और सरसा नदी पार करते समय गुरु गोविंद सिंह का पूरा परिवार बिछुड़ गया। तब बिछुड़े माता गुजरी एवं छोटे साहिबजादे जोरावर सिंह 7 वर्ष एवं साहिबजादा फतेह सिंह 5 वर्ष की आयु में सरसा नदी पर गिरफ्तार कर लिए गए। उन्हें सरहंद के नवाब वजीर खां के सामने पेश कर माता जी के साथ ठंडे बुर्ज में कैद कर दिया गया और फिर कई दिनों तक नवाब और काजी उन्हें दरबार में बुलाकर धर्म परिवर्तन के लिए कई प्रकार के लालच एवं धमकियां देते रहे। तब दोनों साहिबजादे गरज कर जवाब देते, श्हम अकाल पुर्ख परमात्मा और अपने गुरु पिता के आगे ही सिर झुकाते हैं, किसी ओर को सलाम नहीं करते। हमारी लड़ाई अन्याय, अधर्म एवं जुल्म के खिलाफ है। हम तुम्हारे इस जुल्म के खिलाफ प्राण दे देंगे लेकिन झुकेंगे नहीं। अतरू वजीर खां ने उन्हें जिंदा दीवारों में चिनवा दिया। फिर माता गुजरी ने अपने साहिब जादों की शहीदी के पश्चात बड़े धैर्य के साथ अरदास की, ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हुए अपने प्राण भी त्याग दिए। तत्पश्चात पौष माह संवत् 1761 को गुरु प्रेमी सिखों द्वारा माता गुजरी जी तथा दोनों छोटे साहिब जादों का सत्कार सहित अंतिम संस्कार किया गया। अंत में विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रामजी गौड़ ने सिखों के धार्मिक पुस्तक के बारे में कविता के माध्यम से बताया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य, आचार्या बहनें एवं भैया बहन उपस्थित रहे।